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भारत एक बार फिर रचेगा इतिहास, चंद्रयान-4 के लिए जबरदस्त प्लान

भारत अंतरिक्ष की दुनिया में एक और इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है। इस बार इसरो अंतरिक्ष की दुनिया में कुछ ऐसा करेगा जो आज तक कोई नहीं कर पाया।

भारत अंतरिक्ष की दुनिया में एक और इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है। इस बार इसरो अंतरिक्ष की दुनिया में कुछ ऐसा करेगा जो आज तक कोई नहीं कर पाया। जी हां, चंद्रयान-4 पर ताजा अपडेट आ गया है। इसरो इसके प्रक्षेपण के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन इस बार प्रक्षेपण अलग तरीके से किया जाएगा। योजना तैयार है और साल 2026 तक चंद्रयान-4 लॉन्च किया जाएगा। इस बात की जानकारी खुद इसरो चीफ सोमनाथ ने दी और कहा कि इसरो ने चंद्रयान-4 को लेकर क्या योजना बनाई है? आइये जानते हैं क्या चल रही है तैयारी?

इसरो प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान-4 को दो हिस्सों में लॉन्च किया जाएगा। दोनों हिस्सो को लॉन्च होने के बाद अंतरिक्ष में जोड़ा जाएगा। अगर इसरो इस प्रयोग में सफल हो जाता है तो भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। चंद्रयान-4 का लैंडर इसरो बना रहा है और इसका रोवर जापान में बन रहा है। चंद्रयान-4 चंद्रमा के शिवशक्ति बिंदु पर उतरेगा। इसी स्थान पर चंद्रयान-3 भी उतरा था। मिशन चंद्रमा की मिट्टी का नमूना लेकर वापस आएगा।

इसरो प्रमुख ने कहा कि भारत के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन और कई अंतरिक्ष मिशनों को अंतरिक्ष में अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर बनाया गया है, लेकिन पहली बार अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष में ही इकट्ठा कर बनाया जाएगा। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान इसरो प्रमुख सोमनाथ ने इस योजना के बारे में बात की और कहा कि अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यान बनाकर भारत चंद्रमा पर उतरने से पहले ही इतिहास रच देगा।

इसरो प्रमुख ने कहा कि इस बार चंद्रयान-4 के निर्माण पर विशेष काम किया गया है। एकमात्र उद्देश्य यह है कि चंद्रमा से नमूने पृथ्वी तक कैसे लाए जाएं? इसी कोशिश के तहत इसरो ने अंतरिक्ष में ही डॉकिंग (अंतरिक्ष यान के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ना) करने का फैसला किया है। इस बार डॉकिंग इस तरह से की जाएगी कि पहले अंतरिक्ष यान तैयार होगा। फिर परिभ्रमण के दौरान एक हिस्सा मुख्य अंतरिक्ष यान और जमीन से अलग हो जाएगा, जबकि दूसरा हिस्सा चंद्र की परिभ्रमण कक्षा में रहेगा। जब लैंडर चंद्र नमूनों के साथ बाहर आएगा, तो यह डॉक करेगा और ऑर्बिटर से जुड़ जाएगा। आज तक इसरो को अंतरिक्ष में डॉकिंग ऑपरेशन करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है, लेकिन SPADEX (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) पहली बार इसरो की क्षमताओं का परीक्षण करेगा।

इसरो प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान-4 मिशन का प्रस्ताव जल्द ही मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। यह इसरो के विजन-2047 में शामिल 4 परियोजनाओं में से एक है। इन परियोजनाओं में 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) बनाना और 2040 तक चंद्रमा पर एक आदमी भेजना शामिल है।

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