
"सैंटियागो, चिली में 1 से 13 दिसंबर 2025 तक एफआईएच जूनियर महिला हॉकी विश्व कप का आयोजन होगा। पहली बार इस टूर्नामेंट में कुल 24 टीमें भाग लेंगी, जिससे यह संस्करण अब तक का सबसे व्यापक माना जा रहा है। आयोजकों और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ का कहना है कि यह बदलाव महिला हॉकी की बढ़ती लोकप्रियता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके विस्तार का संकेत है।
टूर्नामेंट की शुरुआत 1 दिसंबर को जर्मनी और आयरलैंड के बीच मुकाबले से होगी। उसी दिन मेज़बान चिली का सामना मौजूदा विश्व चैंपियन और शीर्ष वरीयता प्राप्त नीदरलैंड से होगा। इन दोनों मुकाबलों के साथ ही इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का आगाज होगा, जिसे दुनियाभर के हॉकी प्रेमियों की निगाहें देख रही हैं।
भारत को पूल सी में रखा गया है जहाँ उसे जर्मनी, आयरलैंड और नामीबिया जैसी विविध क्षमताओं वाली टीमों के खिलाफ मुकाबला करना होगा। भारतीय जूनियर महिला टीम के लिए यह विश्व कप एक सुनहरा अवसर है, खासकर तब जब भारतीय हॉकी हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई ऊँचाइयों को छू रही है। भारत ने हाल ही में एशियाई स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है, और अब वैश्विक स्तर पर खुद को साबित करने की तैयारी में है।
एफआईएच जूनियर महिला हॉकी विश्व कप 2025 के लिए कुल 24 टीमों को छह पूलों में विभाजित किया गया है। पूल ए में नीदरलैंड, जापान, मेज़बान चिली और मलेशिया शामिल हैं। पूल बी में अर्जेंटीना, बेल्जियम, जिम्बाब्वे और वेल्स की टीमें रखी गई हैं। भारत को जर्मनी, आयरलैंड और नामीबिया के साथ पूल सी में जगह मिली है। पूल डी में इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, चीन और ऑस्ट्रिया की टीमें आमने-सामने होंगी। पूल ई में ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, कनाडा और स्कॉटलैंड की टीमें शामिल की गई हैं, जबकि पूल एफ में अमेरिका, कोरिया, न्यूजीलैंड और उरुग्वे के बीच मुकाबले होंगे।"
हर पूल की शीर्ष दो टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए आगे मुकाबला करेंगी, जिससे मुकाबले और अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे। टूर्नामेंट का यह प्रारूप खेल को रोमांचक बनाएगा और युवाओं को अंतरराष्ट्रीय दबाव में खेलने का वास्तविक अनुभव देगा।
भारत के लिए यह टूर्नामेंट एक ऐसा मंच होगा जहाँ उसे अपनी रणनीतिक तैयारी, फिटनेस और सामूहिक खेल भावना का प्रदर्शन करना होगा। भारतीय कोचिंग स्टाफ और हॉकी फेडरेशन पहले से ही खिलाड़ियों को इस चुनौती के लिए मानसिक और तकनीकी रूप से तैयार करने में जुटे हैं।
यह विश्व कप महिला हॉकी के विकास, विविधता और वैश्विक प्रसार का प्रतीक है। चिली जैसे देश की मेज़बानी से यह भी संकेत मिलता है कि हॉकी अब पारंपरिक देशों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह एक वैश्विक खेल बन चुकी है।
हॉकी इंडिया ने इस आयोजन को लेकर उत्साह व्यक्त किया है और उम्मीद जताई है कि भारतीय टीम इस मंच पर एक नई कहानी लिखेगी। युवा खिलाड़ियों को इस बड़े आयोजन से अनुभव मिलेगा जो उन्हें सीनियर स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगा।