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बिजली क्षेत्र में जम्म कश्मीर फार्मूला लागू करने की मांग

हिमाचल की राज्य सरकार ने 16वें वित्त आयोग (16th Finance Commission) से हिमाचल प्रदेश में बिजली क्षेत्र में जम्म कश्मीर फार्मूला लागू करने की मांग की हैं। हिमाचल सरकार ने 16वें वित्त आयोग से बिजली परियोजनाओं (Power Projects) में केंद्रीय उपक्रम के द्वारा ही निवेश करने और इक्विटी के बदले अनुदान देने की मांग की हैं।

हिमाचल प्रदेश में अनुमानित 24,000 मेगावाट हाइड्रो पावर उत्पादन की क्षमता हैं।

जम्मू-कश्मीर फार्मूला लागू होने से हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) वर्ष 2030 तक 10,000 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त कर सकता हैं।जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भू-जलवायु (Geo-climate) एक जैसा होने के बावजूद केंद्र सरकार ने अलग - अलग नियम लागू कर रखे हैं। राज्य सरकार के अनुसार जम्मू कश्मीर में एनएचपीसी लिमिटेड जम्मू कश्मीर पावर कॉरपोरेशन के साथ बूट आधार पर 40 वर्षों के लिए समझौता करती है। नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHPC) ही जम्मू कश्मीर में बिजली प्रोजेक्ट बनाने के लिए व्यय करती है।  राज्य सरकार की तरफ से दी जाने वाली इक्विटी के बदले केंद्र सरकार ही अनुदान भी देती है। जबकि हिमाचल प्रदेश में स्थिति इसके विपरीत हैं।  हिमाचल प्रदेश में अभी राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं तथा निवेशक भी निवेश में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं , जिस कारण से नई बिजली परियोजनाएं शुरू नहीं हो रही हैं।

इन्हीं कारणों से राज्य सरकार वित्त आयोग से हिमाचल प्रदेश में शीघ्र ही जम्मू कश्मीर फार्मूला लागू करने की मांग कर रहा हैं।  सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में केंद्रीय उपक्रमों के तहत चलनी वाली बिजली परियोजनाओं को राज्य को 40 वर्षों में वापिस दिए जाने की अपील की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार (State Govt.,)  द्वारा बिजली परियोजनाओं (Power Projects) में किये गए व्यय को वापिस देने की भी मांग की हैं।  

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