Info
International Relations

भारत में 9 परियोजनाओं में जापान का सहयोग

जापान ने भारत में 9 परियोजनाओं के लिए जापानी येन (JPY) 232.209 बिलियन का आधिकारिक विकास सहायता ऋण देने की प्रतिबद्धता जताई।

जापान की सरकार (Japan Govt) ने भारत (India) में विभिन्न क्षेत्रों में 9 परियोजनाओं के लिए 232.209 बिलियन जापानी येन (JPY) की राशि का आधिकारिक विकास सहायता (ODA) ऋण देने की प्रतिबद्धता जताई। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव  विकास शील (Vikas Sheel) और भारत में जापान के राजदूत सुजुकी हिरोशी (Suzuki Hiroshi) के बीच आज नोट्स का आदान-प्रदान किया गया। 

ODA ऋण सहायता 9 परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्ध

1-उत्तर पूर्व सड़क नेटवर्क कनेक्टिविटी सुधार परियोजना (चरण 3) (किश्त II): धुबरी-फुलबारी पुल (JPY 34.54 बिलियन) ।

2-उत्तर पूर्व सड़क नेटवर्क कनेक्टिविटी सुधार परियोजना (चरण 7): एनएच 127बी (फुलबारी-गोएराग्रे खंड) (जेपीवाई 15.56 बिलियन) ।

3-तेलंगाना में स्टार्ट-अप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए परियोजना (JPY 23.7 बिलियन)।

4-चेन्नई पेरिफेरल रिंग रोड (चरण 2) के निर्माण की परियोजना (JPY 49.85 बिलियन)।

5-हरियाणा में सतत बागवानी को बढ़ावा देने के लिए परियोजना (किश्त I) (JPY 16.21 बिलियन)।

6-राजस्थान में जलवायु परिवर्तन प्रतिक्रिया और पारिस्थितिकी तंत्र सेवा संवर्धन के लिए परियोजना (JPY 26.13 बिलियन)।

7-नागालैंड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, कोहिमा में मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थापना के लिए परियोजना (JPY 10 बिलियन)।

8-उत्तराखंड में शहरी जल आपूर्ति प्रणाली में सुधार के लिए परियोजना (JPY 16.21 बिलियन)।

9-समर्पित माल गलियारा परियोजना (चरण 1) (किश्त V) (JPY 40 बिलियन)।

भारत के उत्तर पूर्व क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास में सुधार करना सड़क नेटवर्क कनेक्टिविटी परियोजनाओं का लक्ष्य हैं। वहीं चेन्नई परिधीय रिंग रोड परियोजना का उद्देश्य यातायात की भीड़ को कम करना व राज्य के दक्षिणी हिस्से में कनेक्शन को मजबूत करना हैं। नागालैंड में परियोजना सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज में योगदान करते हुए एक मेडिकल कॉलेज अस्पताल विकसित करके तृतीयक स्तर की चिकित्सा सेवा वितरण विकसित करने में मदद करेगी।

तेलंगाना में एक अनूठी परियोजना महिलाओं और ग्रामीण आबादी पर ध्यान केंद्रित करने के साथ उद्यमशीलता कौशल की खोज करने सहित एमएसएमई के व्यापार विस्तार का समर्थन करने में मदद करेगी। हरियाणा में, यह परियोजना टिकाऊ बागवानी को बढ़ावा देगी और फसल विविधीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देकर किसानों की आय में सुधार करेगी। राजस्थान में वानिकी परियोजना वनीकरण, वन और जैव विविधता संरक्षण के माध्यम से पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाएगी।

उत्तराखंड में परियोजना का लक्ष्य शहरी कस्बों को स्थिर जल आपूर्ति प्रदान करना हैं। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना की पांचवीं किश्त नई समर्पित माल रेलवे प्रणाली के निर्माण में मदद करेगी एवं माल ढुलाई में वृद्धि को संभालने में सक्षम इंटरमॉडल लॉजिस्टिक्स सिस्टम का आधुनिकीकरण करेगी।

इस सहयोग से भारत और जापान के बीच रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी और मजबूत होगी।

Cyclone Montha Intensifies, Andhra & Odisha Brace for Landfall

प्रधानमंत्री मोदी का बिहार दौरा 30 अक्टूबर से शुरू

Kurnool Bus Tragedy: Rises “Red-Flag” Over Sleeper Bus Safety

Jubilee Hills By-Poll: “Real Test” After 2 Years of Congress Rule

Five Indian masalas in Taste Atlas’s Top 100 Global Spices