भारत ने वर्ष 2036 के ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम उठाते हुए अहमदाबाद को प्रमुख प्रस्तावित शहर के रूप में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के समक्ष प्रस्तुत किया है। स्विट्जरलैंड के लॉज़ेन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पहली बार औपचारिक रूप से इस प्रस्ताव को रखा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, गुजरात सरकार तथा भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) का प्रतिनिधित्व कर रहीं अध्यक्ष पी.टी. उषा सम्मिलित थीं।
भारत सरकार पहले ही 1 अक्टूबर 2023 को IOC को 'लेटर ऑफ इंटेंट' सौंप चुकी थी, जिसमें ओलंपिक आयोजन की इच्छा व्यक्त की गई थी। यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब मार्च 2025 में ग्रीस के पाइलोस में आयोजित IOC सत्र में ज़िम्बाब्वे की पूर्व ओलंपियन क्रिस्टी कोवेन्ट्री को अध्यक्ष चुना गया — वे पहली महिला और पहली अफ्रीकी IOC अध्यक्ष बनीं। उनके नेतृत्व में IOC ‘New Norm’ और ‘Agenda 2020+5’ के तहत मेजबानी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, लचीला और टिकाऊ बनाने पर कार्य कर रहा है। वर्तमान में "फ्यूचर होस्ट कमीशन" संभावित मेजबानों से सीधा संवाद कर रहा है क्योंकि बोली प्रक्रिया अस्थायी रूप से रोक दी गई है।
भारत की ओर से अहमदाबाद को प्रस्तुत करने के पीछे कई मजबूत तर्क हैं। शहर में विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम — नरेंद्र मोदी स्टेडियम — मौजूद है। इसके साथ ही अहमदाबाद का शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर, बेहतर हवाई व रेल कनेक्टिविटी, होटल नेटवर्क और आयोजन क्षमता इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाते हैं। लॉज़ेन में हुई बैठक के बाद जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि भारत में ओलंपिक का आयोजन 600 मिलियन से अधिक युवाओं को घरेलू ज़मीन पर ओलंपिक देखने का ऐतिहासिक अवसर देगा और यह आयोजन सामाजिक-आर्थिक विकास, नवाचार, शिक्षा और युवा सशक्तिकरण का एक स्प्रिंगबोर्ड बनेगा।
2036 ओलंपिक की मेज़बानी को लेकर वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा काफी तीव्र है। भारत के साथ-साथ सऊदी अरब, इंडोनेशिया, तुर्किये (पूर्व में तुर्की) और चिली जैसे कई अन्य देश भी इस आयोजन की मेजबानी की इच्छा जता चुके हैं। इन देशों ने अपने-अपने प्रस्तावों को मजबूत करने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास और आयोजन से जुड़ी तैयारियों पर काम शुरू कर दिया है। ऐसे में भारत को इस वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी रणनीति को और धारदार बनाना होगा।
भारत के लिए यह प्रतियोगिता काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन पिछली सफलताओं — जैसे कि 1951 और 1982 के एशियाई खेल, और 2010 के राष्ट्रमंडल खेल — ने भारत की आयोजन क्षमता को पहले ही सिद्ध कर दिया है। इस पहल के साथ भारत ने 2030 के शताब्दी राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए भी अहमदाबाद को प्रस्तावित करते हुए दावेदारी पेश की है। इस दावेदारी की पुष्टि स्वयं IOA प्रमुख पी.टी. उषा ने की है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि अहमदाबाद ने हाल ही में 2023 क्रिकेट विश्व कप फाइनल और कोल्डप्ले कंसर्ट जैसे भव्य आयोजनों की सफल मेज़बानी की है। आर्थिक संकट के चलते सिंगापुर और मलेशिया जैसे अन्य संभावित मेजबानों के हटने से भारत की स्थिति और भी मजबूत हुई है।
गुजरात के खेल मंत्री हर्ष संघवी ने भी इस पहल को राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि राज्य आने वाले समय में IOC के साथ मिलकर इस साझा महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए तैयार है।
अभी IOC द्वारा अंतिम मेज़बान की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन भारत की सक्रियता, आयोजन क्षमता, और ओलंपिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता यह दर्शाते हैं कि भारत वैश्विक खेल मंच पर एक निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है।