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झारखंड में सरकार पर सस्पेंस; हो गया 'खेला'

ईडी ने हेमंत सोरेन को बुधवार को साढ़े सात घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। जांच एजेंसी उन्हें हिरासत में लेकर रात सवा आठ बजे CM हाउस से राजभवन पहुंची, जहां हेमंत सोरेन ने इस्तीफा सौंपा।

ईडी ने हेमंत सोरेन को बुधवार को साढ़े सात घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। जांच एजेंसी उन्हें हिरासत में लेकर रात सवा आठ बजे CM हाउस से राजभवन पहुंची, जहां हेमंत सोरेन ने इस्तीफा सौंपा। यहीं उनके करीबी और विधायक चंपई सोरेन ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम ने कहा कि हमारे 43 विधायक बाहर खड़े हैं, चाहें तो गिनती कर लें। इस पर राज्यपाल ने कहा कि पत्र पढ़ रहा हूं। इसके बाद बुलावा भेजूंगा। 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है। 43 विधायक चंपई के साथ राजभवन पहुंचे थे, जबकि उनके पास 48 विधायकों का समर्थन है।

झारखंड में सियासी हलचल का अब तक का अपडेट

दृश्य 1: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के इस्तीफे के तुरंत बाद महागठबंधन विधायक दल के नवनिर्वाचित नेता चंपई सोरेन ने राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपा। ऐसे में अब राज्यपाल को नई सरकार को शपथ दिलानी होगी।

दृश्य 2: शपथ ग्रहण समारोह के बाद राज्यपाल सरकार से फ्लोर टेस्ट का अनुरोध कर सकते हैं। ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे आप यहां गेम खेल सकें। मौजूदा आंकड़ों के आधार पर सरकार को कोई दिक्कत नहीं दिख रही है। फिलहाल 43 विधायक सरकार बनाने का समर्थन कर रहे हैं। विधायक रामदास सोरेन का दिल्ली में इलाज चल रहा है। ऐसे में सरकार के पास अपने 44 विधायकों का समर्थन है। बहुमत के लिए उसे 41 विधायकों की जरूरत है। चंपई सोरेन की ओर से नाराज वसंत सोरेन, रॉबिन हेम्ब्रम और सीता सोरेन भी समर्थन दे सकते हैं।

दृश्य 3: सरकार गिराने के लिए उन्हें अपने कम से कम 8 विधायकों को हराना होगा। फ्लोर टेस्ट के दौरान सरकार को हराने के लिए आपको कम से कम 8 विधायकों को हराना होगा। सरकार को फिलहाल 48 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरकार तभी गिर सकती है, जब इसकी संख्या 40 लोगों से कम हो जाए।

दृश्य 4: बीजेपी को सरकार बनाने के लिए अपने 10 विधायकों की जरूरत है। ऐसा नहीं लग रहा कि बीजेपी सरकार बना पाएगी और न ही ऐसा लग रहा है कि उनकी पार्टी बीजेपी इसके लिए कोई कोशिश कर रही है। निर्दलीयों को मिलाकर एनडीए के पास फिलहाल 32 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए कम से कम 10 और विधायकों की जरूरत है। झारखंड में कोई भी राजनीतिक दल राज्यपाल के सामने सरकार बनाने के लिए बहुमत साबित नहीं कर पाया है। दूसरी तरह यदि कोई भी दल अपना बहुमत साबित नहीं कर पाता है। ऐसे में राष्ट्रपति शासन लगने की संभावना है।

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