सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के एकमात्र विधायक तेनजिंग नोरबू लामथा के बुधवार को सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) में शामिल होने से सिक्किम में विपक्ष का कोई भी विधायक नहीं बचा है और सिक्किम पूरी तरह विपक्ष मुक्त राज्य हो गया हैं। आपको बता दें कि सिक्किम में हुए विधानसभा चुनाव में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा और भारतीय जनता पार्टी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, लेकिन एसकेएम केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि सिक्किम में एकमात्र विपक्षी नेता एनडीए गठबंधन में शामिल हो गये है।
मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने फेसबुक पोस्ट में इसकी जानकारी दी
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा, “मैं आज अपने आधिकारिक आवास पर 23-स्यारी विधायक तेनजिंग नोर्बु लाम्था से मिलकर बहुत खुश हूं। वह आधिकारिक तौर पर हमारे एसकेएम परिवार में शामिल हो गए हैं। तमांग ने स्वीकार किया कि लम्था ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के हितों के बारे में चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि अब व्यापक विकास योजना के तहत इस विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं का समाधान किया जायेगा।
लम्था ने शिक्षा मंत्री को हराया था
लामथा हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव जीतने वाले एकमात्र एसडीएफ नेता थे। उन्होंने एसकेएम के वरिष्ठ नेता और शिक्षा मंत्री कुंगा नीमा लेप्चा को 1,314 मतों के अंतर से हराया था। आपको बता दें कि 2 जून को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही उनके एसकेएम में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। जब लामथा से उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था, ''मैं जनता से चर्चा के बाद आगे कदम उठाऊंगा।''
फिलहाल विधानसभा में 2 सीटें खाली
विधानसभा चुनाव में एसकेएम ने 31 सीटें जीतीं, जबकि विपक्षी एसडीएफ को सिर्फ एक सीट मिली थी। वर्तमान में, विधान सभा में 32 में से 30 सदस्य हैं, जो सभी एसकेएम के सदस्य हैं। सोरांग-चाकुंग विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री तमांग और नामची-सिंधथांग सीट से उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी राय के इस्तीफे के बाद दो सीटें खाली हैं। 2 निर्वाचन क्षेत्रों से निर्वाचित, तमांग ने रेनोक सीट बरकरार रखी और सोरेंग-चाकुंग विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया हैं। इस तरह से देखा जाए तो सिक्किम इस समय पूरी तरह से विपक्ष मुक्त है।