Latest

मिथिला की मिठास में ढला लोकतंत्र: मैथिली में संविधान का विमोचन

मैथिली भाषा में भारतीय संविधान का अनुवाद जारी किया गया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के केंद्रीय कक्ष में विमोचित किया। इस ऐतिहासिक कदम से मिथिलांचल में खुशी की लहर है।

मिथिलावासियों के लिए ऐतिहासिक दिन संविधान दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के केंद्रीय कक्ष में मैथिली भाषा में अनुवादित भारतीय संविधान का विमोचन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

मैथिली भाषा को यह सम्मान मिलने से पूरे मिथिलांचल में उत्साह का माहौल है। मैथिली भाषा को 2003 में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था। तब से इस भाषा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए गए हैं।

इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “यह हमारे संविधान निर्माताओं के सपनों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मैथिली भाषा में संविधान उपलब्ध होने से इस क्षेत्र के लोगों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।” और कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त की हैं, जैसे, “यह हमारी भाषा और संस्कृति के लिए गर्व का क्षण है। अब हम अपनी मातृभाषा में संविधान पढ़ सकेंगे।” मधुबनी की रहने वाली शिक्षिका ने कहा, “मैथिली में संविधान का अनुवाद होने से हमारी भाषा को एक नई पहचान मिलेगी। इससे युवाओं में भी अपनी मातृभाषा के प्रति रुचि बढ़ेगी।”

मैथिली भाषा में संविधान के अनुवाद से जुड़े एक विशेषज्ञ ने बताया, “इस काम में करीब दो साल लगे। हमने पूरी कोशिश की है कि संविधान के मूल भाव को बरकरार रखते हुए उसे मैथिली की मिठास में ढाला जाए।”

इस अवसर पर एक विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का भी जारी किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह हमारी भाषाई विविधता का सम्मान है। मैथिली भाषा में संविधान उपलब्ध होने से इस क्षेत्र के लोगों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।”

इस ऐतिहासिक क्षण को चिरस्थायी बनाने के लिए मिथिला विश्वविद्यालय में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यहां मैथिली भाषा के विकास और संविधान के अनुवाद की यात्रा को दर्शाया गया है।

मैथिली भाषा में संविधान के अनुवाद से न सिर्फ भाषा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इस क्षेत्र के लोगों में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की समझ भी बढ़ेगी। यह कदम भारत की भाषाई विविधता और संघीय ढांचे को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगा।

Next-gen GST to Provide Relief to Middle Class.

Telangana Liberation Day: State & Centre Host Parallel Events

Modi Turns 75: BJP Launches Sewa Pakhwada Nationwide

Sept 17: How Nizam Ruled Hyderabad State Became Part of India?

Centre’s 'Liberation Day' Fete to be chaired by Rajnath Singh