भारत-अमेरिका संबंधों का नया अध्याय

केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के दौरे से भारत-अमेरिका रिश्तों को नई दिशा मिलेगी। दौरे के दौरान 10 वर्षीय रक्षा फ्रेमवर्क और ऊर्जा सहयोग पर सहमति बनी।
भारत-अमेरिका संबंधों का नया अध्याय
Published on

भारत और अमेरिका के रिश्तों को नई दिशा मिल रही है। हाल ही में केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के वाशिंगटन दौरे के दौरान कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी, जिससे दोनों देशों के बीच सहयोग का एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है।

10 वर्षीय रक्षा सहयोग का फ्रेमवर्क

भारत और अमेरिका ने अगले दस वर्षों के लिए रक्षा सहयोग के एक नए ढांचे पर सहमति जताई है। केंद्रीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के बीच हुई बैठक में यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। इससे पहले, हेगसेथ ने भारत के केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी फोन पर बात की थी, जिसमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई थी। दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों का मिलकर सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इस बैठक में फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई रक्षा सौदों की चर्चा को आगे बढ़ाया गया। इसमें जेवेलिन एंटी-गाइडेड मिसाइल, स्ट्राइकर युद्धक वाहन और छह अतिरिक्त पी-8आई समुद्री गश्ती विमानों की संभावित खरीद पर बातचीत हुई। अमेरिकी रक्षा विभाग ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश क्षेत्रीय चुनौतियों को भली-भांति समझते हैं और उनका मिलकर सामना करने के लिए तैयार हैं।

ऊर्जा सहयोग और निवेश समझौते की राह

विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट के साथ भी मुलाकात की और ऊर्जा सहयोग को विस्तार देने पर चर्चा की। भारत, जो पहले से ही अमेरिकी कच्चे तेल का एक महत्वपूर्ण उपभोक्ता है, अब और अधिक गैस खरीदने पर विचार कर रहा है। इस महीने होने वाले द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआईटी) में अमेरिकी पेट्रोलियम उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने की संभावना है, जिससे दोनों देशों के बीच ऊर्जा व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा। जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और अमेरिका के संबंध पहले से ही मजबूत हैं और उन्हें और भी गहरा किया जा सकता है। यह दौरा दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का स्पष्ट संकेत देता है।

क्वाड बैठक में आतंकवाद की निंदा

क्वाड देशों - भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया - ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है। वाशिंगटन में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में इस घटना में शामिल आतंकवादियों और उन्हें आर्थिक सहायता देने वाले संगठनों एवं व्यक्तियों को तत्काल न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया गया।

इस गंभीर चर्चा के बीच एक हल्का-फुल्का क्षण भी आया जब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने विदेश मंत्री जयशंकर की तारीफ करते हुए उन्हें 'बहुत व्यस्त इंसान' बताया। रुबियो ने मजाकिया लहजे में कहा कि जब भी वह समाचार देखते हैं, जयशंकर किसी न किसी देश में दिखाई देते हैं, जो उनकी व्यापक यात्राओं और व्यस्तता को दर्शाता है। इस टिप्पणी पर जयशंकर के चेहरे पर मुस्कान आ गई, जिससे बैठक का माहौल थोड़ा खुशनुमा हो गया।

कुल मिलाकर, विदेश मंत्री जयशंकर का यह दौरा भारत-अमेरिका संबंधों को एक नई गति देने में सफल रहा है, जिसमें रक्षा, ऊर्जा और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया गया है।

logo
NewsCrunch
news-crunch.com