बिहार सरकार ने राज्य को सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) निधि के उपयोग में अग्रणी बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ एक नई नीति पेश की है। यह नीति, जिसे 'सीएसआर नीति-2025' कहा जा रहा है, राज्य के विकास में कॉरपोरेट्स की भूमिका को बढ़ाएगी।
बिहार की प्रदेश सरकार राज्य में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल कर रही है। जल्द ही एक CSR कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश की जानी-मानी कंपनियों को बिहार में जनसरोकार से जुड़े कार्यों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस पहल के माध्यम से कंपनियां CSR के तहत कम से कम 2600 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती हैं। वर्तमान में, कंपनियां सालाना केवल 235 करोड़ रुपये खर्च कर रही हैं, जो इस नए लक्ष्य की तुलना में काफी कम है।
वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने इस जानकारी को साझा करते हुए बताया कि CSR पोर्टल भी जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। इस पोर्टल पर कंपनियों के लिए प्रस्तावित परियोजनाओं की एक सूची उपलब्ध होगी, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, पर्यावरण संरक्षण और कौशल विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित परियोजनाएं शामिल होंगी। कंपनियों से आग्रह किया जाएगा कि वे इन परियोजनाओं को CSR के तहत गोद लें। इसके अतिरिक्त, कंपनियां अपने हितधारकों के इलाकों में भी ऐसी गतिविधियां चला सकती हैं। सरकारी कंपनियों से भी इस संबंध में सहयोग का आग्रह किया जाएगा। कंपनियां सरकारी योजनाओं में सहभागिता करके बेहतर परिणाम देने में सहायक हो सकती हैं, जिससे राज्य के विकास को गति मिलेगी।
आनंद किशोर ने यह भी बताया कि CSR नीति की अधिसूचना जारी कर दी गई है और यह अगले पांच वर्षों के लिए प्रभावी होगी। इस नीति के प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी के लिए एक शासी निकाय (बिहार CSR सोसायटी) का गठन किया जाएगा, जिसमें एक कार्यकारिणी समिति भी होगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली इस CSR सोसायटी के उपाध्यक्ष विकास आयुक्त होंगे और वित्त विभाग के प्रधान सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। 22 विभागों के उच्च पदस्थ पदाधिकारी भी इसके सदस्य होंगे, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि CSR गतिविधियों का समन्वय और निगरानी प्रभावी ढंग से हो सके। यह कदम बिहार में सामाजिक और आर्थिक विकास को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो कंपनियों को राज्य के कल्याण में भागीदार बनने का अवसर प्रदान करेगा।
यह न केवल कंपनियों को अपने सामाजिक दायित्वों को पूरा करने, बल्कि राज्य के विकास में अर्थपूर्ण योगदान देने का एक अद्वितीय मंच भी देती है। बिहार में होने वाले इस साल के चुनाव को देखते हुए, यह पहल NDA सरकार की जनता के हित में उठाए गए कदमों और राज्य को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करती है। यह CSR नीति उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।