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डाकघर अधिनियम 2023 लागू

नए डाक कानून (डाकघर अधिनियम, 2023) के प्रावधानों को प्रभावी करने के लिए भारत सरकार (Indian Govt.,) ने अधिसूचना (Notification) जारी की।  डाकघर अधिनियम, 2023 (Post Office Act 2023) का उद्देश्य अंतिम मील तक नागरिक केन्द्रित सेवाओं, बैंकिंग सेवाओं एवं सरकारी योजनाओं के लाभ प्रदान करने के लिए एक सरल विधायी ढांचा तैयार करना हैं।

इस डाकघर अधिनियम, 2023 (Post Office Act 2023) के द्वारा व्यापार करने में आसानी एवं जीवन को आसान बनाने के लिए पत्रों के संग्रह, प्रोसेसिंग , वितरण के विशेष विशेषाधिकार आदि  प्रावधानों को समाप्त किया जा सकता हैं। इस अधिनियम में किसी प्रकार के कोई  दंडनीय प्रावधान नहीं किए गए हैं। यह अधिनियम वस्तुओं, पहचानकर्ताओं और पोस्टकोड (Postcard) के उपयोग के बारे में निर्धारित मानकों के लिए प्रारूप प्रदान करता है।

10 अगस्त 2023 को राज्यसभा (Rajy Sabha) में डाकघर विधेयक, 2023 " (Post Office Act 2023) प्रस्तुत हुआ था। 4 दिसंबर 2023 को  राज्यसभा (Rajysabha) द्वारा यह अधिनियम पारित किया गया था। तत्पश्चात  13 दिसंबर 2023 (Post Office Act 2023) को लोकसभा (Parliament) में पेश होने के बाद 18 दिसंबर 2023 को विचार करने के बाद यह अधिनियम सर्वसम्मति से पारित हुआ। 24 दिसंबर 2023 को "डाकघर अधिनियम, 2023" को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) की सहमति मिली। 24 दिसंबर 2023 को विधि और न्याय मंत्रालय (विधायी विभाग) द्वारा भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग II, खंड 1 में प्रकाशित किया गया था।

अब "डाकघर अधिनियम, 2023" (Post Office Act 2023) प्रभावी रूप से लागू होने से भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 (Indian Post Office Act, 1898) निरस्त हो गया हैं।

इस नए अधिनियम (Bill) में पत्र भेजने का विशेष अधिकार सरकार के पास नहीं रहेगा। नियमों के अंतर्गत भारतीय डाक द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं निर्धारित होंगी। महानिदेशक (General Director) डाक सेवा भारतीय डाक विभाग का नेतृत्व करेंगे। डाक टिकटों की आपूर्ति, सेवाओं हेतु शुल्क आदि कई मामलों पर नियम बनाने का अधिकार महानिदेशक के पास रहेगा। "डाकघर अधिनियम, 2023" विधेयक के द्वारा भारतीय डाक को उत्तरदायित्व से छूट मिली हैं। वहीं यह अधिनियम (Bill) सरकार (Govt.,) को डाक सामग्री की हानि, गलत डिलीवरी, देरी अथवा क्षति से संबंधित किसी भी दायित्व से छूट देता है। घाटे में चल रहे भारतीय डाक (Indian Post) भारत की संचित निधि से पूरा किया गया। इस अधिनियम के वित्तीय ज्ञापन (Financial Memorandum) के अनुसार विधेयक को अधिनियमित करने से भारत की संचित निधि से कोई आवर्ती या गैर-आवर्ती व्यय नहीं होगा।

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