
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने संगठनात्मक स्तर पर बड़ी पहल की है। एनडीए घटक दलों का संयुक्त विधानसभा सम्मेलन इसी महीने से शुरू होने जा रहा है। यह कार्यक्रम आगामी 15 दिनों के भीतर प्रारंभ होगा और पहले चरण में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ऐसे एक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, पहले चरण में संयुक्त सम्मेलन का आयोजन उस विधानसभा क्षेत्र में किया जाएगा, जहां एनडीए के किसी घटक दल का विधायक नहीं है। इन सम्मेलनों में बूथ स्तर तक की सांगठनिक मजबूती पर चर्चा होगी और भविष्य की चुनावी रणनीति को लेकर कार्यकर्ताओं को दिशा दी जाएगी।
प्रत्येक सम्मेलन में एनडीए के सभी घटक दलों—भाजपा, जदयू, लोजपा (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और रालोसपा (यदि औपचारिक रूप से गठबंधन में शामिल हो)—के नेता एक मंच पर मौजूद रहेंगे। इसका उद्देश्य गठबंधन में समन्वय बढ़ाना और कार्यकर्ताओं को एकजुट करना है।
सम्मेलन में प्रमुखता से यह तय किया जाएगा कि चुनावी मुकाबले में किस विधानसभा क्षेत्र में किस दल के पक्ष में वातावरण तैयार करना है। यह कवायद सीट बंटवारे की आधारभूमि तैयार करने के साथ-साथ गठबंधन के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
यह सम्मेलन एनडीए के स्थानीय कार्यकर्ताओं और क्षेत्रीय नेताओं की सलाह एवं सहभागिता से आयोजित किए जाएंगे, जिनमें राज्य व केंद्रीय नेतृत्व के प्रमुख प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे।"
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यह सम्मेलन न केवल चुनावी तैयारी बल्कि संगठन के आंतरिक समन्वय और रणनीतिक स्पष्टता का भी जरिया बनेगा। यह प्रयास दिखाता है कि एनडीए बिहार में एक मजबूत और सुसंगठित रूप में सामने आने की रणनीति पर काम कर रहा है।
आखिर में, यह भी निर्णय लिया गया है कि हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यक्रम की जिम्मेदारी किसी एक घटक दल को दी जाएगी, लेकिन संचालन और प्रस्तुति संयुक्त होगी। सम्मेलनों की अंतिम रूपरेखा और तारीखें अगले 4-5 दिनों में जारी की जाएंगी और 20 अगस्त तक सभी कार्यक्रम संपन्न करने का लक्ष्य रखा गया है।