अजय निषाद की भाजपा में वापसी

पूर्व सांसद अजय निषाद कांग्रेस छोड़कर दोबारा भाजपा में लौट सकते हैं; उनकी वापसी NDA के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
अजय निषाद की भाजपा में वापसी
Published on

पूर्व सांसद और बिहार के अनुभवी नेता अजय निषाद एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में वापसी करने की तैयारी में हैं। सूत्रों के अनुसार, उनकी बीजेपी नेताओं से अंतिम चरण की बातचीत चल रही है और आज शाम पटना में उनकी औपचारिक वापसी की घोषणा होने की संभावना है। अजय निषाद पहले भी दो बार भाजपा  के टिकट पर सांसद रह चुके हैं। उन्होंने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। 2024 में भाजपा  ने उन्हें लोकसभा का टिकट नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया और मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।

अजय निषाद की राजनीतिक यात्रा बेहद अनुभवपूर्ण रही है। उन्होंने 2014 के आम चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में 16वीं लोकसभा के लिए जीत हासिल की। 1 सितंबर 2014 से 31 अगस्त 2016 तक वे कृषि संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे। इसके साथ ही वे 2014 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य भी रहे। 28 जुलाई 2016 को उन्हें सार्वजनिक उपक्रम समिति का सदस्य नियुक्त किया गया और 1 सितंबर 2016 से कोयला और इस्पात संबंधी स्थायी समिति के सदस्य बने। 2019 में उन्होंने मुजफ्फरपुर निर्वाचन क्षेत्र से 17वीं लोकसभा का चुनाव लड़ा और VIP उम्मीदवार राय भूषण चौधरी को 4,00,000 मतों के अंतर से हराया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अजय निषाद की भाजपा में वापसी न केवल संगठनात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह निषाद मतदाताओं को साधने की रणनीति का भी हिस्सा हो सकती है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, उन्हें बिहार के कोसी और मिथिलांचल इलाके में संगठनात्मक जिम्मेदारी दी जा सकती है और संभव है कि उनकी पत्नी को विधानसभा चुनाव में उतारा जाए। उनका राजनीतिक अनुभव और निषाद समाज में पकड़ NDA के लिए रणनीतिक लाभ प्रदान करती है। अजय निषाद को मुजफ्फरपुर/कुढ़नी से टिकट मिलने की सम्भावना हैं। लेकिन अजय निषाद अपनी पत्नी रमा निषाद के लिए टिकट चाहते हैं

अजय निषाद की राजनीतिक पृष्ठभूमि बेहद मजबूत है। वे पूर्व मंत्री जय नारायण प्रसाद निषाद के पुत्र हैं और बिहार की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं। इससे पहले वे राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। विश्लेषकों का मानना है कि उनकी वापसी भाजपा (BJP) को आगामी विधानसभा चुनावों में दक्षिण और पूर्वी बिहार के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मजबूती देने में मदद करेगी। पार्टी में उनकी संभावित भूमिका संगठन में सुधार, मतदाताओं तक पहुँच और निषाद समाज के समर्थन को जोड़ने वाली साबित हो सकती है।

अजय निषाद की शिक्षा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय से हुई है। वर्तमान में उनकी राजनीतिक यात्रा और भाजपा में संभावित वापसी NDA के लिए बिहार में आगामी चुनावों में सामरिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अब देखना होगा कि बीजेपी उन्हें किस भूमिका में मौका देती है और उनकी औपचारिक वापसी कब तक पूरी होती है।

logo
NewsCrunch
news-crunch.com