हमेशा से विवादित बयान देकर मीडिया की सर्खियों में रहने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (swami prasad maurya) ने आखिरकार समाजवादी पार्टी (samajwadi party) के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी से एमएलसी बने रहेंगे। बाद में स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा चीफ अखिलेश यादव के नाम लिखा त्यागपत्र सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर भी शेयर किया है। उन्होंने कहा कि वह बिना पद के भी पार्टी को मजबूत करने के लिए खड़े रहेंगे।
‘मौर्य’ कई बड़े मुद्दों पर दे चुके हैं विवादित टिप्पणी
दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य श्री ‘रामचरितमानस’ (Ramcharitmanas) और ‘सनातन धर्म’ के साथ-साथ अयोध्या स्थित राम मंदिर (ram temple) में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी कई विवादित टिप्पणी कर चुके हैं, जिसके बाद पार्टी के अंदर ही विरोध शुरू हो गया था। प्राण प्रतिष्ठा के औचित्य पर सवाल उठाने पर विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडे ने हाल में उन्हें ‘विक्षिप्त’ व्यक्ति तक कहा था।
राज्यसभा जाना चाहते थे मौर्य!
सपा नेता ने आगे कहा, मेरे साथ पार्टी के कार्यकर्ता हैं। लेकिन कुछ लोग पार्टी के अंदर है, जो मेरे विरोध में हैं। सूत्रों के हिसाब से ये भी बताया जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य राज्यसभा जाना चाहते थे। लेकिन अखिलेश यादव ने जया बच्चन और आलोक रंजन को राज्यसभा प्रत्याशी घोषित करके ‘स्वामी प्रसाद मौर्या को एक तरह से किनारे लगा दिया है’।