मणिपुर में सरकार गठन की दिशा में कदम

मणिपुर में सरकार गठन की दिशा में कदम

मणिपुर में 100 से अधिक दिनों के राष्ट्रपति शासन के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
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मणिपुर में 100 से अधिक दिनों के राष्ट्रपति शासन के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया है। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात करने वाले 10 विधायकों ने कुल 44 विधायकों के समर्थन का दावा किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के फरवरी में इस्तीफे के बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू था, जिसे अब 103 दिन पूरे हो चुके हैं।  भाजपा नेता थोकचोम राधेश्याम सिंह ने राज्यपाल से मिलकर दोबारा सरकार बनाने की बात कही है। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने विधायकों के दावों पर उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। ऐसे में मणिपुर में अब एन. बीरेन सिंह के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

मौजूदा विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो 60 सदस्यीय विधानसभा में एक सीट खाली है, जिससे वर्तमान सदस्यों की संख्या 59 है। भाजपा के पास 37 विधायक हैं। नेशनल पीपल्स पार्टी के पास सात, नागा पीपुल फ्रंट के पास पांच, कांग्रेस के पास पांच, कुकी पीपल्स एसोसिएशन के पास दो, जेडीयू के पास एक और तीन निर्दलीय विधायक हैं. भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में 32 मैतेई, तीन मणिपुरी मुस्लिम और नौ नागा विधायक शामिल हैं, जिससे कुल संख्या 44 हो जाती है।

हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की भी चर्चा है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कुछ अन्य प्रमुख नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं:

थोकचोम सत्यब्रत सिंह: ये याइसकुल निर्वाचन क्षेत्र से 2017 और 2022 में चुने गए थे और वर्तमान में मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष हैं. वे पहले उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, कानून और विधायी मामले, श्रम और रोजगार के लिए राज्य कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

बसंत कुमार सिंह: ये बिष्णुपुर जिले के नंबोल विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे हैं और 2022 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते। बीरेन सिंह सरकार में इन्होने शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है।

राधेश्याम सिंह: ये 2017 में हीरोक से भाजपा सदस्य के रूप में चुने गए थे और एन. बीरेन सिंह की कैबिनेट में शिक्षा, श्रम और रोजगार मंत्री थे।2022 में दोबारा चुने जाने के बाद, वे मणिपुर के मुख्यमंत्री के सलाहकार बने। ये एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी भी हैं और इन्हें 2006 में वीरता के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक मिला था।

युमनाम खेमचंद सिंह: ये 2017 से 2022 तक मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष रहे और वर्तमान में दूसरे बीरेन सिंह मंत्रालय में नगर प्रशासन आवास विकास (MAHUD) और शिक्षा विभाग के कैबिनेट मंत्री थे।

थोंगम बिस्वजीत सिंह:ये 2012 मेंतृणमूलकांग्रेस से चुने गए थे, लेकिन 2015 में इस्तीफा देकर भाजपा उम्मीदवार के रूप में उपचुनाव जीते।इन्होने पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की सरकार में वन व जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणऔर प्रौद्योगिकी कृषि, विज्ञान,बिजली जैसे महत्वपूर्ण विभागों में कार्य किया।

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