झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम, जो बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं, ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया है। साथ ही, वे कांग्रेस विधायक दल के नेता होने के नाते अपने पद से भी इस्तीफा दे दिया है। टेंडर कमीशन घोटाले में गिरफ्तार आलमगीर आलम के सभी विभाग फिलहाल मुख्यमंत्री ने अपने पास रखा हुआ है।
15 मई को आलमगीर आलम को ईडी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था, उससे पहले 6 मई को उनके ओएसडी संजीव लाल और उसके सहायक जहांगीर आलम के यहां ईडी की छापेमारी में 37 करोड़ रुपये कैश और टेंडर में कमीशन को लेकर दस्तावेज मिले थे। ईडी ने दावा किया कि मंत्री को कमीशन के रूप में डेढ़ प्रतिशत मिलता था।
इस घटना के बाद, झारखंड की राजनीतिक मंच में हलचल हो रही है, और मुख्यमंत्री की तरफ से इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
कैबिनेट विस्तार की संभावना
आलमगीर आलम के इस्तीफा के बाद, झारखंड में कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। इस सम्भावना को लेकर चर्चा तेज है। कल्पना सोरेन के विधायक बनने के बाद से ही, इस विस्तार की संभावना मजबूत हो रही है। यहाँ तक कि कैबिनेट विस्तार होने की स्थिति में कांग्रेस कोटे से कोई मंत्री नियुक्त हो सकता है। इरफान अंसारी, दीपिका पांडे सिंह, समेत कई विधायक मंत्री बनने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं, और इरफान पिछले कई दिनों से दिल्ली में ही रह रहे हैं।
आलमगीर आलम के इस्तीफा के साथ ही, टेंडर कमीशन घोटाले में जुड़े अन्य विभागों के संबंध में जांच की जा रही है, ताकि अनुचित गतिविधियों का पता लगाया जा सके।