केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का धर्मशाला दौरा

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 25 से 28 जून तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महत्वपूर्ण शिविर में लेंगे भाग, राजनीतिक निहितार्थों पर भी नज़र
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का धर्मशाला दौरा
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा (J.P. Nadda) 25 जून से 28 जून तक हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला क्षेत्र में रहेंगे। उनका यह दौरा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एक खास दो दिवसीय राष्ट्रीय मंथन शिविर में उनकी भागीदारी को समर्पित होगा। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, यह शिविर 26 और 27 जून को होगा, जिसमें उत्तरी भारत के विभिन्न राज्यों— हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख और हिमाचल प्रदेश—के स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव और अन्य उच्चाधिकारी शामिल होंगे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) ने इस महत्वपूर्ण बैठक को "मंथन शिविर" का नाम दिया है, जो इसके उद्देश्य और महत्व को दर्शाता है। शिविर का मुख्य एजेंडा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विभिन्न कार्यक्रमों और उनकी प्रगति पर विचार-विमर्श करना है।राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार जेपी नड्डा (J.P. Nadda) का यह अपेक्षाकृत लंबा हिमाचल प्रवास केवल स्वास्थ्य संबंधी चर्चाओं तक ही सीमित नहीं रहेगा। इस दौरे को हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक हालात का जायजा लेने और आगामी रणनीतियों पर चर्चा करने के एक महत्वपूर्ण अवसर के तौर पर भी देखा जा रहा है। धर्मशाला में इस बड़े कार्यक्रम के लिए तैयारियां जोरों पर हैं।

राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज़

जेपी नड्डा का हिमाचल प्रदेश में प्रभाव है और राजनीति में अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में, इस दौरे के दौरान सियासी चर्चाएं और रणनीतिक विचार-विमर्श होने की प्रबल संभावना है। जेपी नड्डा (J.P. Nadda) के 25 से 28 जून तक का चार दिवसीय दौरे को महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं।

हिमाचल प्रदेश से जे.पी. नड्डा का जुड़ाव

पटना में 2 दिसंबर, 1960 को जन्मे जे.पी. नड्डा (J.P. Nadda) का जुड़ाव हिमाचल प्रदेश से है। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की और छात्र राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई, जहाँ वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री भी बने।बाद में, वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने। साल 1993 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए विधायक चुने जाने के उपरांत उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री का पदभार संभाला। 2010 में वे भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बने और 2012 में उन्हें राज्यसभा सदस्य चुना गया। 2014 से 2019 तक, उन्होंने भारत सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया।

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