प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 अगस्त 2025 को नई दिल्ली के आईसीएआर पूसा परिसर में आयोजित 'एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन' का उद्घाटन करेंगे। सुबह 9 बजे आरंभ होने वाले इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का विषय है – "एवरग्रीन रिवोल्यूशन: द पाथवे टू बायोहैपिनेस", जो भारत के महान कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन के जीवनदर्शन और कार्य को समर्पित है। यह आयोजन उनके जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में हो रहा है।
इस सम्मेलन का उद्देश्य सतत कृषि, खाद्य और पोषण सुरक्षा, जैव विविधता संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूलन, और समाज के वंचित वर्गों की भागीदारी जैसे मुद्दों पर वैज्ञानिकों, नीति-निर्माताओं, और विकास कार्यकर्ताओं को एक मंच प्रदान करना है। प्रो. स्वामीनाथन के ‘एवरग्रीन रिवोल्यूशन’ के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने पर विशेष बल दिया जाएगा, जो खेती को उत्पादक, पर्यावरण-अनुकूल और सामाजिक रूप से न्यायसंगत बनाने की सोच को दर्शाता है।
सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी एक विशेष सम्मान – एम.एस. स्वामीनाथन अवॉर्ड फॉर फूड एंड पीस – भी प्रदान करेंगे, जो एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (MSSRF) और वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज (TWAS) द्वारा संयुक्त रूप से आरंभ किया गया है। यह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विकासशील देशों के उन व्यक्तियों को सम्मानित करेगा, जिन्होंने खाद्य सुरक्षा, जलवायु न्याय, सामाजिक समानता और शांति के क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान, नीतिगत कार्य, जमीनी स्तर की भागीदारी या स्थानीय क्षमताओं के निर्माण के माध्यम से उल्लेखनीय योगदान दिया हो।
सम्मेलन में युवा, महिलाएं और समाज के हाशिए पर मौजूद समुदायों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि समावेशी विकास की दिशा में ठोस पहल की जा सके। बायोहैपिनेस की अवधारणा, जिसमें मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन को प्रमुखता दी जाती है, प्रो. स्वामीनाथन की दूरदर्शी सोच का हिस्सा रही है। यह आयोजन भारत के कृषि भविष्य को टिकाऊ और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।