रेल टिकट बुकिंग हुई तेज

रेलवे ने अपनी यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) को पूरी तरह से अपग्रेड कर दिया है, जिससे अब प्रति मिनट 25,000 टिकट बुक किए जा सकते हैं। इस उन्नयन से मौजूदा बुकिंग क्षमता चार गुना बढ़ जाएगी।
रेल टिकट बुकिंग हुई तेज
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रेलवे ने अपनी यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) को पूरी तरह से अपग्रेड कर दिया है, जिससे अब प्रति मिनट 25,000 टिकट बुक किए जा सकते हैं। इस उन्नयन से मौजूदा बुकिंग क्षमता चार गुना बढ़ जाएगी, जिससे यात्रियों को टिकट बुकिंग में बेहतर और तेज अनुभव मिलेगा।

तकनीकी उन्नयन और लागत

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि रेलवे ने अपनी तकनीकी क्षमता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यात्री आरक्षण प्रणाली में हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और सुरक्षा प्रणालियों को अपग्रेड किया गया है, जिस पर कुल 182 करोड़ रुपये का खर्च आया है। यह निवेश भारतीय रेलवे को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करेगा। नई प्रणाली को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह वर्तमान क्षमता से चार गुना अधिक टिकट बुकिंग को संभाल सके। यह उन्नयन न केवल बुकिंग प्रक्रिया को तेज करेगा, बल्कि इसे और अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित भी बनाएगा।

डिजिटल सुविधाएं और यात्री सुरक्षा

यात्रियों की सुविधा के लिए, रेलवे ने 'रेलवन' नामक एक नया ऐप भी लॉन्च किया है। यह ऐप यात्रियों को अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके आरक्षित और अनारक्षित दोनों तरह के टिकट बुक करने की सुविधा देता है। यह डिजिटल पहल यात्रियों के लिए टिकट खरीदने की प्रक्रिया को सरल बनाती है और स्टेशनों पर भीड़ को कम करने में मदद करती है।

इसके अलावा, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा कानून, 2023 के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत आरटीआई अधिनियम में किए गए संशोधन से लोगों के निजता के अधिकार और सूचना के अधिकार के बीच एक संतुलन स्थापित होगा, जो कि एक महत्वपूर्ण कदम है।

प्रमुख रेल परियोजनाएं और चुनौतियाँ

उत्तराखंड में 170 किलोमीटर लंबी तानकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सर्वेक्षण पूरा हो गया है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इस परियोजना की लागत 48,692 करोड़ रुपये होगी, हालांकि इसमें कम यातायात की उम्मीद है। इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार हो चुकी है।

अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में, रेलवे ने हिमाचल प्रदेश में चक्की खड़ पुल की बहाली का काम शुरू कर दिया है। यह पुल अप्रत्याशित बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे पठानकोट कैंट-जोगिंदरनगर संकीर्ण गेज मार्ग पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई थीं। पहाड़ी क्षेत्र में होने के कारण, यह क्षेत्र मानसून के दौरान भारी बारिश का सामना करता है।

महाराष्ट्र के धाराशिव जिले में कुछ रेलवे अंडरपास में भारी बारिश के दौरान पानी भरने की समस्या पर, रेल मंत्री ने बताया कि ऐसे स्थानों पर आपातकालीन स्थिति में पानी को तेजी से निकालने के लिए पंपिंग सिस्टम लगाए गए हैं। साथ ही, असामान्य वर्षा की स्थिति में सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सड़क यातायात को रोकने की व्यवस्था भी की गई है। ये सभी कदम रेलवे की दक्षता और यात्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे हैं।

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