
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी पहल 'परीक्षा पे चर्चा' (पीपीसी) ने एक नया इतिहास रचते हुए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी जगह बना ली है। यह उपलब्धि एक महीने के भीतर किसी भी नागरिक संवाद मंच पर सबसे अधिक पंजीकरण दर्ज करने के लिए हासिल हुई है। यह रिकॉर्ड न केवल इस कार्यक्रम की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है, बल्कि देश भर में शिक्षा के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करने की इसकी क्षमता को भी साबित करता है।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में दी गई जानकारी के अनुसार, 'परीक्षा पे चर्चा' के आठवें संस्करण में कुल 3.53 करोड़ से अधिक वैध पंजीकरण हुए हैं। यह संख्या अपने आप में असाधारण है और दिखाती है कि कैसे यह कार्यक्रम छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच अपनी गहरी पैठ बना चुका है। पीपीसी को अब सिर्फ एक संवाद मंच के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसे राष्ट्रीय विचार के रूप में देखा जा रहा है जो परीक्षा के तनाव को सीखने के एक उत्सव में बदल देता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मंच के माध्यम से छात्रों को परीक्षा के दबाव से निपटने, सकारात्मकता बनाए रखने और उद्देश्यपूर्ण ढंग से सीखने के लिए प्रोत्साहित किया है। यह छात्रों को परीक्षा के डर को दूर करने और अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने का साहस देता है। इस पहल का उद्देश्य परीक्षा के समय को तनाव के बजाय सकारात्मकता, तैयारी और उद्देश्यपूर्ण सीखने का एक उत्सव बनाना है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अनुसार, 'परीक्षा पे चर्चा' अब एक राष्ट्रीय सोच बन चुकी है। यह पहल अब छात्रों के मन से परीक्षा के डर को पूरी तरह से खत्म करने के एक साधन के रूप में देखी जा रही है। पीपीसी 2025 के आठवें संस्करण को सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 21 करोड़ से ज्यादा बार देखा गया, जो इसकी व्यापक पहुंच और प्रभाव का स्पष्ट प्रमाण है। यह गिनीज रिकॉर्ड इस बात की पुष्टि करता है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह प्रयास वैश्विक स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ने में सफल रहा है। यह शिक्षा के क्षेत्र में भारत की एक नई और प्रगतिशील सोच का प्रतीक है।