प्रधानमंत्री का 'विजयोत्सव' भाव वाला संबोधन

प्रधानमंत्री ने संसद में वैज्ञानिक सफलता, सैन्य ऑपरेशन, आर्थिक उपलब्धियों और राष्ट्रीय एकता पर दिया जोर।
प्रधानमंत्री का 'विजयोत्सव' भाव वाला संबोधन
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मानसून सत्र 2025 के आरंभ पर मीडिया को संबोधित करते हुए इसे देश के लिए “विजयोत्सव” का अवसर बताया। उन्होंने कहा कि यह सत्र भारत की वैज्ञानिक, सैन्य और आर्थिक उपलब्धियों का उत्सव है, जिसे पूरा देश गर्व से देख रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर तिरंगा फहराना इस वैज्ञानिक आत्मविश्वास का प्रतीक बना है।

प्रधानमंत्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता को भारत की सैन्य शक्ति और रणनीतिक क्षमताओं का उदाहरण बताया। उन्होंने जोर दिया कि यह पूरी तरह मेड इन इंडिया तकनीक से संभव हुआ, जिससे दुनिया का ध्यान भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता की ओर गया है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल आत्मनिर्भर भारत की दिशा को बल मिला है, साथ ही देश के नौजवानों के लिए इससे काम के नए मौके तैयार हो रहे हैं।

आर्थिक क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 में देश फ्रैजाइल-5 अर्थव्यवस्थाओं में था, लेकिन अब भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। महंगाई दर नियंत्रित होकर 2% के आसपास है और 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं। डिजिटल इंडिया और यूपीआई जैसे अभियानों ने भारत को फिनटेक क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है।

उन्होंने WHO द्वारा भारत को ट्रेकोमा मुक्त घोषित किए जाने और 90 करोड़ से अधिक लोगों के सोशल सिक्योरिटी के दायरे में आने को स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा में बड़ी उपलब्धि बताया। नक्सलवाद और माओवाद की कमजोर होती पकड़ को भी उन्होंने लोकतंत्र की जीत बताया और कहा कि रेड कॉरिडोर अब ग्रीन ग्रोथ जोन में बदल रहा है।

प्रधानमंत्री ने पहलगाम हमले के बाद विपक्षी दलों द्वारा एकजुट होकर पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर बेनकाब करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सभी दलों से अपील की कि वे देशहित में एक स्वर में बात करें और संसद में रचनात्मक बहस के जरिए विधेयकों को पारित करें।

अंत में उन्होंने आशा जताई कि यह सत्र देश के विकास, आत्मनिर्भरता और लोकतंत्र को और मजबूती देगा, तथा सभी सांसद जनहित में गंभीर चर्चा करेंगे।

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