डिजिटल के नए युग में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2025

उपभोक्ता अधिकारों की पुनर्कल्पना और आधुनिक भारत में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम।
डिजिटल के नए युग में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2025
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भारत में प्रत्येक वर्ष 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति सचेत करने और संरक्षण ढांचे को मजबूत करने का एक ऐतिहासिक अवसर है। वर्ष 2025 का यह दिवस विशेष रूप से "डिजिटल न्याय के माध्यम से कुशल और तीव्र निपटान" की थीम पर केंद्रित है, जो ई-जागृति जैसे मंचों और उन्नत तकनीकी सुधारों के माध्यम से उपभोक्ता न्याय प्रणाली में आए क्रांतिकारी बदलावों को रेखांकित करता है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 ने 1986 के पुराने कानून को प्रतिस्थापित कर एक आधुनिक और जवाबदेह व्यवस्था स्थापित की है, जिसमें जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर शिकायतों के निवारण हेतु एक प्रभावी त्रि-स्तरीय न्यायिक संरचना कार्य कर रही है। अब उपभोक्ता 50 लाख रुपये से लेकर 2 करोड़ रुपये से अधिक तक के दावों को अपनी श्रेणी के अनुसार संबंधित आयोगों में ले जा सकते हैं, जहाँ हाल के वर्षों में 100 प्रतिशत से अधिक की निपटान दर दर्ज की गई है।

इस सशक्तिकरण की यात्रा में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) एक नियामक प्रहरी के रूप में उभरा है, जो न केवल अनुचित व्यापारिक प्रथाओं को रोकता है बल्कि भ्रामक विज्ञापनों और 'डार्क पैटर्न' जैसी डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ कड़े कदम भी उठाता है। 1 जनवरी 2025 को लॉन्च हुआ 'ई-जागृति' पोर्टल इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ है, जिसने शिकायत दर्ज करने से लेकर वर्चुअल सुनवाई तक की पूरी प्रक्रिया को एकीकृत और सुव्यवस्थित कर दिया है। यह प्लेटफॉर्म बहुभाषी सहायता और वॉयस-टू-टेक्स्ट जैसी सुविधाओं के साथ समाज के हर वर्ग, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए सुलभ है। त्रिपुरा के एक उपभोक्ता द्वारा 8 साल पुरानी फ्रिज की शिकायत का मात्र 5 महीनों में समाधान और भारी रिफंड प्राप्त करना इस डिजिटल क्रांति की सफलता का सजीव उदाहरण है।

तकनीकी नवाचार के साथ-साथ राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH 2.0) ने AI और चैटबॉट के माध्यम से अपनी पहुंच का विस्तार किया है, जिसके फलस्वरूप 2025 में करोड़ों रुपये का रिफंड सीधे उपभोक्ताओं को सुनिश्चित किया गया है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) और राष्ट्रीय परीक्षण गृह (NTH) जैसे संस्थान गुणवत्ता आश्वासन और मानकीकरण के माध्यम से बाजार में विश्वास बहाल कर रहे हैं, जहाँ BIS केयर ऐप उपभोक्ताओं को हॉलमार्किंग और उत्पादों की शुद्धता की स्वयं जांच करने की शक्ति देता है। अक्टूबर और दिसंबर 2025 में कानूनी मेट्रोलॉजी नियमों में किए गए हालिया संशोधनों ने चिकित्सा उपकरणों की लेबलिंग और ई-कॉमर्स पारदर्शिता को और भी सुदृढ़ किया है। अंततः, ये सभी समन्वित प्रयास न केवल उपभोक्ता को एक जागरूक खरीदार बनाते हैं, बल्कि एक ऐसी उत्तरदायी अर्थव्यवस्था की नींव रखते हैं जहाँ निष्पक्षता, पारदर्शिता और त्वरित न्याय सर्वोपरि है।

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