17 दिवसीय श्री मणिमहेश यात्रा का 26 अगस्त से शुभारंभ

श्री मणिमहेश यात्रा 26 अगस्त से 11 सितंबर तक चलेगी। प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को प्रत्येक सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी।
17 दिवसीय श्री मणिमहेश यात्रा का 26 अगस्त से शुभारंभ
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श्री मणिमहेश यात्रा का आयोजन 26 अगस्त 2024 से 11 सितंबर 2024 तक किया जाएगा। 17 दिवसीय यात्रा के समय प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को प्रत्येक सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं प्रशासन ने पहली बार ऑनलाइन पंजीकरण को अनिवार्य कर प्रक्रिया शुरू करने की पहल की हैं।

प्रशासन  इस बार मणिमहेश डल झील की तरफ जाने वाले यात्रियों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण (Online Registration) की प्रक्रिया शुरू कर रहा हैं। यात्रा के लिए  पंजीकरण करना अनिवार्य है। प्रशासन ने आवश्यक सूचनाओं सहित ऑनलाइन पंजीकरण के लिए लिंक  https://www.manimaheshyatra.hp.gov.in/register  जारी किया। 

प्रशासन श्रद्धालुओं को पेयजल, पार्किंग की सुविधा, स्वास्थ्य हेतु चिकित्सा व्यवस्था , विद्युत सहित विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अभी से जुटने लगा हैं। यात्रा के तहत सड़कों का मरम्मत कार्य शुरू किया जा रहा हैं। मणिमहेश यात्रा 2024 (Manimahesh Yatra 2024) की तैयारियों को लेकर एसडीएम भरमौर (Bharmour) कुलबीर सिंह राणा ने विभिन्न विभागों को सुरक्षित यात्रा मार्ग, वाहनों को पास देने वाले स्थान, सडक़ के किनारे पार्किंग, स्वच्छ पेयजल व हड़सर से दोनों पैदल मार्गों के कार्य आदि शीघ्र ही पूरे कर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए।

हड़सर (Hadsar) से लेकर डल झील तक रास्ते में बैठने के लिए बैंच का प्रबंध और रेन शेल्टर लगाने की व्यवस्था का काम लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा । इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 154-ए चंबा-भरमौर (Chamba-Bharmour) पर  पैच कार्य किया जाएगा। आयुर्वेद विभाग एवं स्वास्थ्य कर्मी भक्तों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का काम करेंगे,इसके तहत विभिन्न स्थानों पर कैंप लगाया जाएगा। 

मणिमहेश यात्रा हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में आयोजित होती हैं। हिमाचल प्रदेश की बुद्धिल घाटी में मणिमहेश झील भरमौर से 26 किलोमीटर दूर स्थित हैं। हर वर्ष भाद्र माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को यहां पर मेला आयोजित होता हैं। इस दिन श्रद्धालु इस झील के पवित्र जल में डुबकी लगाकर स्वयं को कृतार्थ करते हैं। मणिमहेश झील के समीप एक कोने में शिव भगवान की मूर्ति स्थापित हैं। यात्रा करने वाले भक्त इस स्थान पर भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा अर्चना करते हैं। मणिमहेश झील (Manimahesh Lake) से लगभग डेढ़ किलोमीटर पूर्व  गौरी कुंड एवं  शिव क्रोत्री नामक दो महत्वपूर्ण जल निकाय भी हैं।

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