राम मंदिर: भक्तों के माथे पर चंदन के तिलक लगाने पर रोक

राम मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर आने वाले हर भक्त को चंदन का तिलक लगाने पर रोक लगा दी है।
राम मंदिर: भक्तों के माथे पर चंदन के तिलक लगाने पर रोक
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अयोध्या (Ayodhya) आने वाले हर राम भक्त (Ram devotee) को चंदन का तिलक पुजारी नहीं लगा पाएंगे। इसके लिए राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) ने  तत्काल प्रभाव से इसे रोकते हुए पुजारियों से निर्देशित किया है कि वह भक्तों के माथे पर चंदन न लगाएं और चरणामृत भी न दें। यदि कोई भक्त दान-दक्षिणा दे तो उसे खुद न लेकर दानपेटी में डलवाएं। ट्रस्ट के इस निर्णय को लेकर पुजारियों में काफी रोष है।

गर्भगृह में मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास (Archak Acharya Satyendradas) सहित लगभग दो दर्जन पुजारी हैं। ये अलग-अलग शिफ्ट में ड्यूटी करते हैं। इनमें पांच पुराने और 21 नए सहायक अर्चक हैं। मुख्य अर्चक को ट्रस्ट प्रतिमाह 35 हजार रुपये और सहायक अर्चकों को 33 हजार रुपये देता है।

पुजारियों की अतिरिक्त आय रोकने के लिए उठाया कदम

दरअसल राम मंदिर (Ram Mandir) में दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं को पुजारियों की ओर से मस्तक पर चंदन लगाकर और चरणामृत देकर उन्हें अभिषिक्त करते थे। इससे खुश होकर राम भक्त पुजारियों को दान-दक्षिणा दे कर जाते थे। इससे पुजारियों को अतिरिक्त आय हो जाती है। जबकि ट्रस्ट ने इसे रोकने के लिए पूर्व में ही खाका तैयार कर लिया था।

प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पुजारी का निधन

अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले लक्ष्मीकांत दीक्षित (Laxmikant Dixit) का निधन हो गया। पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद कुछ देर बाद उनका निधन हो गया। पुजारी के परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सुबह बाबूजी की भारतीय सनातन संस्कृति और परंपरा में उनकी गहरी आस्था थी और वह हमेशा से ही ईश्वर के प्रति समर्पित रहने वाले भाव को ही लोगों को समझाते रहते थे।

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