12 अगस्त (सोमवार) को दिल्ली के सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) के डॉक्टरों (Doctors) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं। यह हड़ताल आरएमएल और सफदरजंग अस्पतालों में विशेष रूप से प्रभावी रही है, जहां डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर कामकाज को ठप कर दिया है।
मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है
डॉक्टरों हड़ताल के कारण दिल्ली के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गैर-आपातकालीन सेवाएं और आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं, जिससे मरीजों की लंबी कतारें लग गई हैं और उपचार में अत्यधिक देरी हो रही है। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं जारी हैं और इन्हें प्रभावित नहीं किया गया है।
डॉक्टरों की सरकार से मांग
डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने अस्पतालों में सुरक्षा प्रबंधनों में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर देने बात कही है। यह हड़ताल स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है तथा अस्पतालों में कार्य वातावरण की सुरक्षा समस्याओं को सामने लाती है।
दिल्ली के इन अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर
को पश्चिम बंगाल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई क्रूरता के विरोध में सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के सुचेता कृपलानी, कलावती सरन, लोकनायक, जीबी पंत, जीटीबी, डीडीयू, अंबेडकर अस्पताल सहित ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर आज हड़ताल पर हैं।