
देश में इंटर-सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन (ISO) नियमों को लागू कर दिया गया है। और केंद्र सरकार (Central Government) ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। नए नियमों के तहत, अब तीनों सेनाओं (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) के जवानों पर एक ही अधिकारी कार्रवाई कर सकेगा। यह कदम भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed Forces) में एकीकरण और दक्षता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नए कानून के मुख्य बिंदु
नए नियमों के अनुसार, इंटर-सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन के भीतर एक कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड नियुक्त किया जाएगा । यह कमांडर सैनिकों को नियंत्रित करने और उन पर आवश्यक कार्रवाई करने का अधिकार रखेगा ।चाहे सैनिक किसी भी सेना से जुड़ा हो। इसका अर्थ यह है कि थलसेना का कोई अधिकारी अब इंटर-सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन (ISO) में कार्यरत नौसेना या वायुसेना के जवानों को भी कमांड दे सकेगा।
प्रशासनिक शक्तियों का विकेंद्रीकरण
इन नियमों के तहत, एक संबंधित अधिकारी को प्रशासनिक शक्तियां प्रदान की जाएंगी। यह अधिकारी किसी भी सेना (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) के जवानों से जुड़े फैसले लेने में सक्षम होगा। यह प्रावधान यूनिट या एस्टैब्लिशमेंट के सैनिकों को एकजुट करने में मदद करेगा।
अनुशासनहीनता पर त्वरित निर्णय
इस नए नियम से अनुशासनहीनता के मामलों में त्वरित निर्णय लेना संभव हो सकेगा। जब भी ऐसे किसी मामले का सामना होगा, तो संबंधित अधिकारी जल्द से जल्द उस पर निर्णय ले पाएगा, जिससे सशस्त्र बलों में अनुशासन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
पृष्ठभूमि
इंटर-सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन बिल (ISO) दो साल पहले मानसून सत्र में संसद (Parliament) में पेश और पारित किया गया था। इसे 15 अगस्त, 2023 को राष्ट्रपति (President) की मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जाना था। सरकार (Govt) ने इन नए नियमों को आधिकारिक तौर पर राजपत्र के माध्यम से अधिसूचित (Gazetted) कर दिया है।