
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने एक अहम फैसला लेते हुए 41 ज़रूरी दवाओं की खुदरा कीमतों में संशोधन किया है। एनपीपीए के नए निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। इसका मतलब है कि अब कोई भी इन दवाओं को तय की गई सीमा से ज़्यादा दाम पर नहीं बेच पाएगा, और ऐसा करना कानून के खिलाफ होगा।
यह संशोधन औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 के प्रावधानों के तहत किया गया है, जो एनपीपीए को विभिन्न दवाइयों की अधिकतम खुदरा कीमत तय करने का अधिकार देता है। संशोधित मूल्य सूची में वे दवाएँ शामिल हैं जो मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, नींद संबंधी समस्याओं, संक्रमण, विटामिन की कमी और सर्दी-खांसी जैसी सामान्य बीमारियों के इलाज में उपयोग होती हैं।
कुछ अहम दवाओं की कीमतों में बदलाव किया गया है। अब एटोरवास्टैटिन और एजेटीमीब युक्त टैबलेट ₹19.66 में मिलेगी। इसी तरह, सेफ्यूरॉक्साइम और क्लैवुलैनेट के मिश्रण वाली गोली की कीमत ₹60.62 निर्धारित की गई है। मेलाटोनिन और ज़ोलपिडेम की गोली अब ₹8.73 में उपलब्ध होगी। एम्पाग्लिफ्लोजिन और मेटफॉर्मिन के संयुक्त टैबलेट की नई कीमत ₹18.75 है। इसके अलावा, सिटाग्लिप्टिन, ग्लाइमेपिराइड और मेटफॉर्मिन युक्त गोली ₹14.50 की मिलेगी। सर्दी-खांसी में उपयोग होने वाले फेनीलीफ्रिन और क्लोरफेनिरामाइन युक्त सिरप का मूल्य ₹1.01 प्रति मिलीलीटर तय किया गया है।
एनपीपीए ने अपने आदेश में यह भी साफ़ किया है कि मूल्य निर्धारण से संबंधित निर्देशों का पालन न करने वाली दवा कंपनियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 और डीपीसीओ, 2013 के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस कदम से देश भर के लाखों मरीज़ों को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि इससे उनकी जेब पर पड़ने वाला बोझ कम होगा।