गंगा दशहरा: मां गंगा की कृपा और आशीर्वाद का उत्सव

गंगा दशहरा: मां गंगा के पावन का उत्सव, जिसमें धर्मिक और सामाजिक महत्व होता है। यह उत्सव ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है।
गंगा दशहरा: मां गंगा की कृपा और आशीर्वाद का उत्सव
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माँ गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त (Ganga Dussehra 2024 Shubh Muhurat)
इस बार का गंगा दशहरा 16 जून, यानी रविवार को मनाया जाएगा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को रात 02 बजकर 32 मिनट से शुरू होगी और दशमी तिथि का समापन 17 जून को सुबह 04 बजकर 34 मिनट पर होगा। जो मां गंगा की कृपा और आशीर्वाद का विशेष अवसर प्रदान करेगा। यह त्योहार हमें ध्यान दिलाता है कि समाज में शुद्धता, समानता और सहानुभूति के मूल तत्वों को स्थापित करना कितना महत्वपूर्ण है।

कैसे मनाएं

गंगा दशहरा भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हिंदू कैलेंडर के ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य मां गंगा की पूजा और स्नान करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करना है, जिन्हें मोक्षदायिनी भी कहा जाता है, यानी मुक्ति का स्वरूप। इस दिन को ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करने का विशेष महत्व होता है, जिससे व्यक्ति के सभी पाप धो जाते हैं और वह सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए योग्य होता है। गंगा दशहरा का त्योहार भगवान शिव की जटाओं से निकलती हुई मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण को याद करता है। इसी दिन को लोग गंगा स्तोत्रम् का पाठ करते हैं और धर्मिक ग्रंथों के अनुसार पूजन करते हैं। इस अवसर पर निर्धनों को दान देने का भी परंपरागत रूप से महत्व है, जिससे समाज में सामाजिक न्याय और सहानुभूति का संदेश प्रचारित होता है। गंगा दशहरा के इस पवित्र त्योहार में लोग अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं और गंगा नदी की पवित्रता और महत्व को मानते हैं। इस दिन को ध्यान में रखते हुए लोग गंगा के तटों पर जाकर आयोजित समारोहों में भाग लेते हैं और अपने धार्मिक और सामाजिक कर्तव्यों को निभाते हैं।

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