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राहुल लोधी के लिए क्यों जरुरी है ये चुनाव !

दमोह लोकसभा सीट (Damoh Lok Sabha seat) पर दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को वोटिंग होगी। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशी जी-जान लगाकर चुनाव प्रचार में जुटे हैं।

मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर सरगर्मी सातवें आसमां पर है। बुंदेलखंड (Bundelkhand) की दमोह लोकसभा सीट में जातिवाद के बिना चुनाव संभव नहीं है। यहां लोधी मतदाता (lodhi voter) बाहुल्य है। इस सीट पर लोधी स्वाभिमान बड़ा चुनावी मुद्दा बनकर उभरा है।  दरअसल दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस (Congress) ने लोधी जाति बाहुल्य दमोह सीट से लोधी उम्मीदवार को टिकट दिया है, लेकिन भाजपा के उम्मीदवार राहुल सिंह लोधी (Rahul Singh Lodhi) पहले कांग्रेस से विधायक थे और दलबदल कर बीजेपी में चले गए थे। वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी (Tarwar Singh Lodhi) को उम्मीदवार बनाया है। जो 2018 में बंडा से चुनाव जीते थे, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव हार गए थे।

‘बिकाऊ को नहीं टिकाऊ को चुनो’

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस प्रत्याशी तरवर लोधी को बीजेपी अपने पाले में लाने की फिराक में रही, लेकिन उन्होंने अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के चलते कांग्रेस का हाथ नहीं छोड़ा। जिसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी तरवर लोधी मतदाता से संवाद करके उनके सामने लोधी स्वाभिमान का मुद्दा भुना रही है कि आप अपनी ही जाति के उम्मीदवार को चुनो, लेकिन ‘बिकाऊ को नहीं टिकाऊ को चुनो’।

26 अप्रैल को मतदान

इस समय दमोह लोकसभा की 8 विधानसभा सीटों में से 7 सीटें बीजेपी के खाते में हैं। एक सीट कांग्रेस के खाते में है। जबकि बीजेपी उम्मीदवार राहुल लोधी घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं। वही कांग्रेस प्रत्याशी तरवर लोधी इसे दमोह की जनता के स्वाभिमान का चुनाव बता रहे हैं। दरअसल दमोह लोकसभा सीट (Damoh Lok Sabha seat) पर दूसरे फेस में चुनाव है, जिसके तहत यहां 26 अप्रैल को वोटिंग होगी।

कार्यकर्ता आधारित पार्टी है बीजेपी: राहुल लोधी

टिकट मिलने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए राहुल लोधी ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। कार्यकर्ता 24 घंटे और 12 महीने काम करते हैं। टिकट किसी को भी मिले काम कार्यकर्ता करता है, इसलिए मुझे चिंता नहीं है। राहुल लोधी कहते हैं कि 2285 बूथ पर कार्यकर्ता मुस्तैदी से काम कर रहे हैं।

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