Politics

भाजपा का पसमांदा मिलन समारोह

भाजपा के प्रदेश कार्यालय में एक "पसमांदा मिलन समारोह" आयोजित किया गया, जिसमें भाजपा प्रदेश के नेताओं सहित पसमांदा मुसलमानों ने भाग लिया।

बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश कार्यालय के अटल सभागार में आज "पसमांदा मिलन समारोह" का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में पसमांदा समाज के लोगों ने शिरकत की।

समारोह का शुभारंभ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दीप जलाकर किया। वहीं, इस मौके पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद कमरूज्जमा अंसारी और प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने भी शिरकत की और अपना संबोधन दिया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने पसमांदा मिलन समारोह में आए समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा की यह विशेषता रही है कि यह सभी धर्म, समुदाय और वर्ग को साथ लेकर चलने की बात करती है। यह 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के नारे पर काम करती है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए विरोधियों को निशाने पर लेते हुए कहा कि यहाँ मुसलमानों के नाम पर राजनीति खूब हुई, लेकिन कभी भी पसमांदा मुसलमानों को आगे बढ़ाने की कोशिश नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि अगर पसमांदा के अर्थ की बात करें तो इसका अर्थ ही 'जो पीछे छूट गए' होता है। लेकिन किसी ने भी इनको आगे लाने की कोशिश नहीं की। इनके साथ बराबर भेदभाव किया गया। सबसे गौरतलब है कि इनका राजनीति में इस्तेमाल तो खूब किया गया लेकिन इनको राजनीति में हिस्सेदारी नहीं दी गई। दिलीप जायसवाल के अनुसार, वोट बैंक की राजनीति ने पसमांदा मुसलमानों के जीवन को अत्यंत कठिन बना दिया है। उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि उनके साथ हुए भेदभाव का नकारात्मक प्रभाव उनकी कई पीढ़ियों को भुगतना पड़ा है। उन्होंने कहा कि जब एनडीए की सरकार आई तब इन्हें आरक्षण दिया गया। उन्होंने पसमांदा समाज के लोगों को भरोसा देते हुए कहा कि भाजपा इनकी राजनीति में भी हिस्सेदारी सुनिश्चित करेगी।

भाजपा के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने मिलन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, हालांकि मुसलमानों में पसमांदा समुदाय की संख्या 70 से 80 प्रतिशत है, फिर भी वे पिछड़े हुए हैं। उन्होंने स्पष्टता के साथ अपनी बात रखते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने पसमांदा मुसलमानों को तबाह कर दिया है। उन्हीं के एक वर्ग ने पसमांदा मुसलमानों का शोषण किया, लेकिन सही अर्थों में इस पर कभी चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि आज भी उन्हें बराबरी का हक नहीं मिलता, उन्हें नीचा समझा जाता है। यह सब पिछड़े हैं। इनके साथ इतना भेदभाव हुआ कि ये आगे बढ़ ही नहीं पाए। जब केंद्र और बिहार में एनडीए की सरकार बनी तो 'सबका साथ, सबका विकास' की भावना के साथ इनका भी विकास किया गया है।

इस सम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से पसमांदा समाज के लोग पहुंचे और उन्होंने अपनी बातों को रखा।

भाजपा पसमांदा के साथ हुए ऐतिहासिक भेदभाव को खत्म करने और उन्हें बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा पसमांदा समुदाय को वास्तविक विकास में भागीदार बनाना चाहती है। भाजपा पसमांदा मुसलमानों को मुख्यधारा में ला रही है जिन्हें पिछली सरकारों ने केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया और उनके साथ भेदभाव किया। भाजपा 'सबका साथ, सबका विकास' के तहत पसमांदा के सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए काम कर रही हैं।

चुनाव आयोग की पहल में शामिल हुए बिहार के सितारे

No More “Backbenches”: A Malayalam Film Sparks Big School Reform

South Language Debate: Pawan Kalyan Champions Hindi, TN Resists

‘TDP Spy’ Murder Case: Jana Sena's Vinutha Arrested

128 साल बाद ओलंपिक में क्रिकेट की वापिसी