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लखनऊ-मुंबई: देश की पहली AC स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस

जुलाई 2025 से संभावित संचालन के साथ, यह ट्रेन 1350 किलोमीटर की यात्रा मात्र 10 घंटे में पूरी करेगी।

भारतीय रेलवे ने यात्रियों को अत्याधुनिक और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। जल्द ही देश को अपनी पहली एसी स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिलने वाली है, जो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को सीधे मुंबई से जोड़ेगी। यह बहुप्रतीक्षित ट्रेन जुलाई 2025 से अपनी सेवाएं शुरू कर सकती है।

तेज और आरामदायक सफर

वंदे भारत एक्सप्रेस का लक्ष्य 1350 किलोमीटर की दूरी को सिर्फ 10 घंटे में पूरा करना है। यह एक महत्वपूर्ण सुधार है, खासकर जब लखनऊ और मुंबई के बीच वर्तमान में चलने वाली ट्रेनें इसी दूरी को तय करने में 16 से 17 घंटे का समय लेती हैं। यह तीव्र गति यात्रियों के कीमती समय को बचाएगी और उन्हें एक बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करेगी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह ट्रेन सप्ताह में चार दिन चलेगी, जिससे यात्रियों को पर्याप्त यात्रा विकल्प मिलेंगे।

विस्तृत रूट और क्षमता

लखनऊ से चलकर यह ट्रेन हरदोई, शाहजहांपुर, बरेली जंक्शन, रामपुर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन और आगरा जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों से होते हुए मुंबई पहुंचेगी। यह रूट उत्तर प्रदेश के कई प्रमुख जिलों को सीधा संपर्क प्रदान करेगा, जिससे व्यापार, रोजगार और पर्यटन के लिए आवाजाही बेहद सुविधाजनक हो जाएगी।

ट्रेन में कुल 20 कोच होंगे, जिनमें प्रथम एसी, द्वितीय एसी, तृतीय एसी और स्लीपर कोच शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, दो एसएलआर (सीटिंग कम लगेज रैक) कोच भी होंगे। इस ट्रेन की कुल यात्री क्षमता लगभग 1200 यात्रियों की होगी, जिससे बड़ी संख्या में लोग एक साथ यात्रा कर सकेंगे।

आधुनिक सुविधाएं और महत्व

वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इसमें आरामदायक सीटें, बेहतर कैटरिंग सेवा, स्वचालित दरवाजे, सीसीटीवी कैमरे, वैक्यूम टॉयलेट और पावर बैकअप जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलने में सक्षम यह ट्रेन, भारतीय रेलवे के नेटवर्क में गति और सुविधा का एक नया मानक स्थापित करेगी।

यह ट्रेन विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के लोगों के लिए मुंबई तक की यात्रा को सुगम बनाएगी, जहां अक्सर मौजूदा ट्रेनों में सीटों की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बनी रहती है। रेलवे द्वारा समय सारिणी को अंतिम रूप दिया जा रहा है और जून 2025 में इसके जारी होने की उम्मीद है, जिसके बाद जुलाई से नियमित संचालन शुरू हो सकता है। यह नई ट्रेन उत्तर प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी सहायक होगी।

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