बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपने "मिशन-225" के लक्ष्य को साकार करने के लिए बूथ स्तर तक सघन रणनीति बनानी शुरू कर दी है। राज्य के 1420 संगठनात्मक मंडलों में भाजपा "बूथ चक्रव्यूह" की संरचना कर रही है, जिसके तहत हर बूथ पर मतदाता जोड़ने, लाभार्थियों से संवाद बढ़ाने और भाईचारे की भावना को सशक्त करने पर विशेष फोकस रहेगा।
भाजपा की योजना है कि प्रत्येक बूथ पर कम से कम 10 प्रतिशत मतदाता परिवर्तन (voter conversion) हो, जिसके लिए ‘प्रत्येक बूथ, 10 प्रतिशत मतदाता बदलाव’ का लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही ऐसे मतदाताओं की मोबाइल नंबर आधारित सूची भी तैयार की जा रही है जो वर्तमान में बिहार से बाहर रह रहे हैं, जिससे चुनाव पूर्व उन तक सीधा संपर्क किया जा सके।
बूथों की ग्रेडिंग और संगठनात्मक सक्रियता
भाजपा ने राज्य के लगभग 90 हजार बूथों को ग्रेडिंग की प्रक्रिया में शामिल किया है। इस प्रक्रिया में बूथों की जातीय संरचना, लाभार्थी सूची, मतदान रुझान और कार्यकर्ताओं की सक्रियता को मापा जा रहा है। इसके आधार पर 50 प्रतिशत मजबूत और 50 प्रतिशत कमजोर बूथों की पहचान की जा रही है। कमजोर बूथों को सशक्त करने के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की जा रही है।
लाभार्थी सम्मेलन: योजनाओं के प्रभाव से जनसंपर्क मजबूत करने की तैयारी
भाजपा की रणनीति के तहत उन नागरिकों से सीधा संवाद स्थापित किया जाएगा जिन्हें केंद्र या राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला है। उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास, जनधन खाते, शौचालय निर्माण जैसी पहलों के लाभार्थियों को बूथ स्तर पर आयोजित संवाद कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाएगा। इन बैठकों का उद्देश्य भाजपा सरकार द्वारा जनकल्याण के लिए किए गए कार्यों को सामने लाना और लाभार्थियों से सामाजिक जुड़ाव को सशक्त करना है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेशों और उपलब्धियों को भी वीडियो या अन्य माध्यमों से साझा किया जाएगा।
भाईचारा और सामाजिक सहभागिता पर विशेष बल
भाजपा का मानना है कि भाईचारे की भावना और सामाजिक सहभागिता से ही वोट ट्रांसफर संभव हो सकता है। इसके लिए स्वतंत्रता दिवस, जन्माष्टमी जैसे आयोजनों में भाजपा की भागीदारी बढ़ाई जाएगी। इन आयोजनों के माध्यम से सामाजिक समीकरण मजबूत करने और सभी समुदायों से संवाद को गहरा करने की कोशिश की जाएगी।
भाजपा ने "मिशन-225" के तहत बिहार में सत्ता हासिल करने के लिए बूथ स्तर पर माइक्रो रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। मतदाता सूची में बदलाव, लाभार्थी संपर्क सम्मेलन, जातीय बूथ प्रोफाइलिंग और भाईचारा बढ़ाने की कोशिशें इस योजना का हिस्सा हैं। आने वाले महीनों में इन पहलों के ज़रिए भाजपा अपने जनाधार को और विस्तार देने की दिशा में बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने बीते वर्षों में गरीब कल्याण, बुनियादी सुविधाओं और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में जो ऐतिहासिक कार्य किए हैं, भाजपा अब उन्हें बूथ स्तर तक पहुंचाकर जनसमर्थन को और मजबूत करने में जुटी है।