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बिहार में खेलों का नया सवेरा

वर्ष 2028 में पहले नेशनल यूथ गेम्स की मेजबानी के साथ बिहार को मिलेगा तलवारबाजी का ओलंपिक ट्रेनिंग सेंटर।

बिहार के खेल परिदृश्य में एक ऐतिहासिक बदलाव की सुगराहट शुरू हो गई है, जो राज्य के खिलाड़ियों के लिए सुनहरे भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगी। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्षा पी.टी. उषा ने वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले पहले नेशनल यूथ गेम्स की मेजबानी बिहार को सौंपने पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। यह निर्णय बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह और पी.टी. उषा के बीच नई दिल्ली में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान लिया गया। इस आयोजन की मेजबानी मिलना राज्य के खेल बुनियादी ढांचे और खिलाड़ियों के मनोबल को एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाला कदम माना जा रहा है। आने वाले समय में संघ और राज्य सरकार मिलकर इस बड़े आयोजन की औपचारिकताओं, मानकों और आवश्यक तैयारियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

इस बड़ी उपलब्धि के साथ ही बिहार को केंद्र सरकार की ओर से एक और विशेष सौगात मिली है। केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बिहार में तलवारबाजी के लिए एक समर्पित ओलंपिक ट्रेनिंग सेंटर खोलने के प्रस्ताव को अपनी मौखिक मंजूरी दे दी है। खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से यह प्रस्ताव रखा था, जिसे केंद्र ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। यह सेंटर 'मिशन ओलंपिक' के तहत राज्य के युवाओं को विश्व स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होगा, जिससे भविष्य में ओलंपिक पदकों की दौड़ में बिहार की भागीदारी सुनिश्चित की जा सकेगी।

राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी सक्रियता बढ़ गई है। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खेल मंत्री ने आगामी योजनाओं पर केंद्र के साथ गहन मंथन किया है। इसी क्रम में बिहार के खेल अधिकारियों का एक दल अगले वर्ष मई में चीन में आयोजित होने वाले स्पोर्ट्स एक्सपो में भी हिस्सा लेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस प्रस्ताव को तत्काल स्वीकृति देते हुए कहा कि केंद्र और बिहार के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम इस वैश्विक प्रदर्शनी में शामिल होगी, ताकि खेलों की आधुनिक तकनीक और प्रबंधन को समझा जा सके।

इसके अतिरिक्त, जनवरी माह में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय 'खेल मंथन शिविर' के लिए भी बिहार के खेल विभाग को आधिकारिक निमंत्रण प्राप्त हुआ है। इस शिविर में देश भर के विशेषज्ञ ओलंपिक में पदक जीतने की रणनीति और अधिक से अधिक ट्रेनिंग सेंटर खोलने जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। बिहार की इस सक्रिय भागीदारी और केंद्र से मिल रहे सहयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य अब केवल प्रतिभाएं पैदा करने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उन्हें वैश्विक मंच तक पहुंचाने के लिए आवश्यक संसाधन और अवसर भी उपलब्ध कराएगा। फरवरी में होने वाले पहले स्टेट गेम्स की तैयारी इस दिशा में पहला बड़ा कदम है, जो राज्य की खेल क्षमताओं का प्रदर्शन करेगी।

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