ओडिशा में कनेक्टिविटी और विकास की नई तस्वीर बनने जा रही है। केंद्र सरकार ने 8300 करोड़ से अधिक की लागत वाली 6-लेन कैपिटल रीजन रिंग रोड परियोजना को मंजूरी देकर क्षेत्रीय प्रगति की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
8300 करोड़ से अधिक की लागत, भीड़भाड़ से मिलेगी राहत
केंद्र सरकार ने ओडिशा के लिए एक बड़ी आधारभूत संरचना परियोजना को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की समिति ने लगभग 8307 करोड़ रुपये की लागत से भुवनेश्वर क्षेत्र में 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड कैपिटल रीजन रिंग रोड के निर्माण का निर्णय लिया है। यह सड़क हाइब्रिड एन्युइटी मोड पर तैयार की जाएगी और इसकी लंबाई लगभग 111 किलोमीटर होगी।
यातायात और लॉजिस्टिक्स को मिलेगी गति
भुवनेश्वर, कटक और खोरधा से होकर गुजरने वाले मौजूदा राजमार्गों पर लगातार बढ़ते यातायात से जाम और देरी की स्थिति रहती है। नया बाईपास भारी वाणिज्यिक वाहनों को शहरों से बाहर मोड़कर न केवल लॉजिस्टिक्स लागत घटाएगा बल्कि माल ढुलाई की दक्षता भी बढ़ाएगा।
राष्ट्रीय और राज्य मार्गों को जोड़ेगा
प्रस्तावित रिंग रोड तीन राष्ट्रीय राजमार्गों (NH-55, NH-57, NH-655) और एक राज्य राजमार्ग (SH-65) को आपस में जोड़ेगी। यह रिंग रोड रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, प्रमुख बंदरगाहों और प्रस्तावित मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क से सीधा संपर्क उपलब्ध कराएगी। इस कनेक्टिविटी से ओडिशा के महत्वपूर्ण आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक क्षेत्रों तक पहुंच आसान होगी, और इससे व्यापार और परिवहन को भी बढ़ावा मिलेगा।
रोजगार और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा
निर्माण के दौरान इस परियोजना से लाखों मानव-दिवस प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही आसपास के क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश, व्यापारिक गतिविधियां और सामाजिक-आर्थिक विकास को नया आयाम मिलेगा।
धार्मिक और औद्योगिक महत्व
परियोजना पूरी होने पर यह मार्ग राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों तक यात्रा को सरल बनाएगा और औद्योगिक व व्यापारिक क्षेत्रों के बीच संपर्क को और मजबूत करेगा। इसके परिणामस्वरूप न केवल ओडिशा, बल्कि पूरे पूर्वी भारत को निवेश और आर्थिक विकास की नई गति मिलेगी।