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52 दिवसीय बाबा अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा 29 जून से शुरू

52 दिवसीय बाबा अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा 29 जून से शुरू होने जा रही हैं। अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रा के लिए ऑनलाइन हेलिकॉप्टर बुकिंग शुरू की हैं। यह तीर्थयात्रा श्रावण पूर्णिमा पर रक्षा बंधन के दिन 19 अगस्त को समाप्त होगी।

इस बार अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बालटाल एवं पहलगाम मार्गों के लिए ऑनलाइन हेलीकॉप्टर बुकिंग सेवा शुरू कर हैं। इस ऑनलाइन सुविधा के अंतर्गत सर्वप्रथम बालटाल मार्ग के लिए, नीलग्रथ-पंजतरणी-नीलग्रथ पर हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई जा रही हैं वहीं पहलगाम मार्ग के लिए, पहलगाम-पंजतरणी-पहलगाम मार्ग पर हेलिकॉप्टर सेवा प्रदान की रही हैं।

श्रद्धालुओं के लिए आधिकारिक वेबसाइट JKSASB.nic.in पर ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपकब्ध हैं। नीलग्रथ से पंजतरणी तक का एक तरफ किराया 3250 रुपए एवं दोनों तरफ का मिलाकर 6500 रुपए हैं जबकि पहलगाम से पंजतरणी तक का एक तरफ किराया 4900 रुपए एवं दोनों तरफ का मिलाकर लगभग 9800 रुपए हैं।  हेलीकॉप्टर टिकट बुक करते समय श्रद्धालुओं के पास स्वास्थ्य प्रमाणपत्र का होना अनिवार्य हैं। पंजतरणी हेलीपैड से पवित्र गुफा तक की यात्रा एवं वापिसी में अधिक समय लगता हैं जिस कारण से तीर्थयात्रियों को बुकिंग करते समय उपलब्ध स्लॉट दिखाई देंगे। यात्राओं के बीच कम से कम 5 -6 घंटे का अंतर हैं।

यात्रा के समय तीर्थयात्रा के पास स्वास्थ्य प्रमाण पत्र सहित मूल फोटो पहचान पत्र होना आवश्यक हैं । बुकिंग स्लॉट से 30 मिनट पहले श्रद्धालुओं को  हेलीपैड स्थल पर पहुंचना होगा। प्रशासन ने अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सहयोग से  चार्टर बुकिंग की अनुमति तीर्थयात्रियों को सिर्फ श्रीनगर एवं नीलग्रथ के बीच यात्रा के लिए प्रदान की हैं, जिसके तहत नीलग्रथ व पंजतरणी के बीच चलने वाली कनेक्टिंग सेवा में प्राथमिकता वाली सीटें उपलब्ध हैं। यात्रा के अंतर्गत इस वर्ष प्रशासन ने पवित्र गुफा तक 125 लंगर लगाने की अनुमति दी हैं।

अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक हैं। इसी स्थान पर प्रभु शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। इस स्थान पर पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग निर्मित हैं। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण ही इस पवित्र शिवलिंग को  स्वयंभू हिमानी शिवलिंग के नाम से भी जाना जाता हैं। अमरनाथ तीर्थस्थल भारत में श्रीनगर, के उत्तर-पूर्व में 135 किलोमीटर दूर समुद्रतल से 13600 फुट की ऊंचाई पर स्थित हैं।

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