Latest

25 दिसंबर को प्रधानमंत्री करेंगे राष्ट्र प्रेरणा स्थल का लोकार्पण

प्रधानमंत्री 25 दिसंबर को करेंगे भव्य स्मारक का लोकार्पण और तीन महापुरुषों की प्रतिमाओं का अनावरण।

उत्तर प्रदेश में लखनऊ के 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' पर आगामी 25 दिसंबर को एक ऐतिहासिक समारोह होने जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भव्य स्थल का लोकार्पण करेंगे। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए दिन-रात जुटा हुआ है। कार्यक्रम की महत्ता को देखते हुए स्थल पर तीन अत्याधुनिक हेलीपैड तैयार किए गए हैं। प्रधानमंत्री का चार्टर्ड प्लेन सीधे यहीं उतरेगा, जबकि अन्य दो हेलीपैड सुरक्षा एजेंसियों और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए आरक्षित रखे गए हैं।

इस परियोजना का मुख्य आकर्षण पंडित दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी की विशालकाय कांस्य प्रतिमाएं हैं। लगभग 63 से 65 फीट ऊंची ये प्रतिमाएं देश में इन जनसंघ और भाजपा नेताओं की सबसे बड़ी प्रतिमाएं मानी जा रही हैं। प्रधानमंत्री इन प्रतिमाओं का अनावरण कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। ये प्रतिमाएं न केवल राजनीतिक विरासत की प्रतीक हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्र सेवा की प्रेरणा का केंद्र भी बनेंगी।

प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए हेलीपैड से मुख्य मंच तक एक विशेष 'भ्रमण पथ' तैयार किया गया है। इस मार्ग पर उत्तर प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। विभिन्न जिलों के कलाकारों द्वारा लोक संगीत और पारंपरिक नृत्यों की प्रस्तुति के साथ छोटी-छोटी झांकियां सजाई जा रही हैं। यह जीवंत प्रदर्शन प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता को वैश्विक पटल पर रखेगा। आयोजन स्थल पर लगभग डेढ़ लाख लोगों के बैठने की क्षमता विकसित की गई है और टेंट व कुर्सियों का काम अंतिम चरण में है।

राष्ट्र प्रेरणा स्थल के भीतर एक आधुनिक म्यूजियम ब्लॉक और मेडिटेशन सेंटर भी बनाया गया है। म्यूजियम में 'दीये' की आकृति वाला मॉडल लगाया गया है, जो जनसंघ के ऐतिहासिक प्रतीक को दर्शाता है। यहां तीनों विभूतियों के जीवन संघर्ष, उपलब्धियों और तस्वीरों को स्टोन म्यूरल्स तथा डिजिटल ऑडियो-वीडियो पैनल के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित उत्तर प्रदेश सरकार के कई दिग्गज मंत्री और नेता भी इस गरिमामयी उपस्थिति का हिस्सा बनेंगे।

सुरक्षा के लिहाज से पूरे परिसर को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही है और सुरक्षा एजेंसियां निरंतर रिहर्सल कर रही हैं। 25 दिसंबर को होने वाला यह कार्यक्रम न केवल लखनऊ बल्कि पूरे देश के लिए वैचारिक और सांस्कृतिक चेतना का एक नया अध्याय लिखेगा।

President Winter Sojourn: What’s The History of Hyderabad Stay?

A Deepening Divide – The High Stakes of the Godavari Diversion

गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर सार्वजनिक अवकाश

Sabarimala Gold Theft: Court Extends Padmakumar’s Remand

Hyderabad to Bondi Beach: The Double Life of the Akram Family