भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश में कम मूल्य वर्ग के बैंक नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। इस कदम से एटीएम से नकदी निकासी करने वाले आम लोगों को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि उन्हें अक्सर 100 और 200 रुपये के नोटों की किल्लत का सामना करना पड़ता है।
कम मूल्य वर्ग के नोटों को प्रोत्साहन
आरबीआई (RBI) ने सभी बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटरों (WLAO), यानी स्वतंत्र एटीएम सेवा कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे अपने एटीएम से नियमित रूप से 100 रुपये और 200 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करें। यह फैसला लेनदेन को और अधिक सुलभ बनाने के लिए लिया गया है।
डेडलाइन और चरणबद्ध लक्ष्य
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम से 100 और 200 रुपये के नोटों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत, सितंबर 2025 तक देश के 75% एटीएम में इन छोटे मूल्यवर्ग के नोटों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी, जिसे मार्च 2026 तक 90% एटीएम तक बढ़ाना होगा। इस कदम का उद्देश्य आम लोगों के लिए लेनदेन को सुगम बनाना है, क्योंकि वर्तमान में एटीएम में अक्सर 500 रुपये के नोटों की अधिकता होती है। हालाँकि, उद्योग के जानकारों का मानना है कि 100 और 200 रुपये के नोटों की मौजूदा उपलब्धता को देखते हुए, बैंकों के लिए इस समय-सीमा को पूरा करना एक चुनौती हो सकती है।
मौजूदा स्थिति और चुनौतियां
एटीएम मशीनें आमतौर पर चार नोट कैसेट से लैस होती हैं, जिनमें से प्रत्येक में करीब 2,000 से 2,500 नोटों की भंडारण क्षमता होती है। सामान्य अभ्यास के तौर पर, बैंक इन कैसेटों को मुख्य रूप से उच्च मूल्यवर्ग के नोटों, विशेषकर 500 रुपये के नोटों से भरते हैं, जिसका उद्देश्य एटीएम को बार-बार नकदी से भरने की आवश्यकता को कम करना है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा मार्च 2025 में जारी किए गए आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि कुल परिचालित बैंक नोटों में 500 रुपये के नोटों का हिस्सा 40.9% था। वहीं, 200 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी 5.6% और 100 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी 14.7% दर्ज की गई थी। बैंकिंग उद्योग के जानकारों का मानना है कि 100 और 200 रुपये के नोटों की उपलब्धता में मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए, बैंकों के लिए सितंबर की निर्धारित समय-सीमा को पूरा करना एक कठिन कार्य साबित हो सकता है।
आम लोगों को मिलेगी राहत
बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि RBI के इस फैसले से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। एटीएम से छोटे नोट निकलने से दैनिक लेनदेन और भी आसान हो जाएंगे, जिससे छुट्टे पैसे की समस्या कम होगी। आरबीआई (RBI)के मासिक बुलेटिन के अनुसार, 31 मार्च तक बैंकों के पास 2.20 लाख एटीएम थे, जबकि व्हाइट लेबल एटीएम की संख्या 36 हजार है, जो इस व्यापक बदलाव को लागू करने के लिए एक बड़ा नेटवर्क है।