Economy

आरबीआई की नई मौद्रिक नीति

भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति: रेपो रेट और विकास दर स्थिर, महंगाई का अनुमान घटाया गया।

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की है। इस घोषणा में, उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया जो देश की अर्थव्यवस्था की दिशा तय करेंगे।

रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को 5.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। लगातार तीन बार दरों में कटौती के बाद, यह निर्णय लिया गया है। इस कदम से उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनी रहेगी। गवर्नर मल्होत्रा ने बताया कि यह फैसला तटस्थ रुख के साथ लिया गया है, जो बाहरी मांग और टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितताओं को ध्यान में रखता है। इसका सीधा मतलब है कि फिलहाल होम लोन और अन्य ऋणों की EMI में कोई बदलाव नहीं होगा।

विकास दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार

RBI ने वित्त वर्ष 2026 के लिए विकास दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा है। केंद्रीय बैंक को उम्मीद है कि बेहतर मॉनसून, कम महंगाई और अनुकूल वित्तीय परिस्थितियाँ घरेलू अर्थव्यवस्था को सहारा देंगी। तिमाही अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 6.5%, दूसरी में 6.7%, तीसरी में 6.6% और चौथी में 6.3% की वृद्धि का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही के लिए भी 6.6% की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है।

महंगाई के अनुमान में कमी

खुशखबरी यह है कि चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई की दर का पूर्वानुमान नीचे लाया गया है। आरबीआई ने इस दर को 3.7% से संशोधित कर 3.1% कर दिया है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के अनुसार, उपभोक्ता कीमतों में गिरावट के कारण यह फैसला लिया गया और यह फरवरी से 4% के लक्ष्य से नीचे चल रही है। जून में, यह छह साल के निचले स्तर 2.1% पर पहुँच गई थी। खाद्य मुद्रास्फीति में भी उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है, जो जून में घटकर (-)1.06% रही। यह गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, दालों, अनाज और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी के कारण हुई।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि आगामी त्योहारी सीजन से उत्साहजनक नतीजे मिलने की उम्मीद है और भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाएं उज्ज्वल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वैश्विक व्यापार चुनौतियों और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बावजूद, सरकार और RBI की सकारात्मक नीतियां अर्थव्यवस्था को मजबूती से आगे बढ़ने में मदद करेंगी।

इस बैठक में MPC के छह सदस्यों ने भाग लिया, जिसमें गवर्नर संजय मल्होत्रा के अलावा डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता और अन्य तीन बाहरी सदस्य शामिल थे। समिति ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ये महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।

5 जनवरी को स्व. सुशील मोदी स्मृति समारोह का आयोजन

Rahul Gandhi Holds Karnataka Leadership Decision Amid Reports

महिला ड्राइवर चुनने का विकल्प

CPM Targets Congress Over Sonia–Poti Meeting Photo Row

सांसद खेल महोत्सव का हुआ आगाज